भारत और चीन में किसी ने भी 1975 के बाद सीजफायर नहीं तोड़ा है यानी सीमा पर गोली नहीं चली
कानून रिव्यू/इंटरनेशनल
भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने में कई रणनीतिक जगहों पर हिंसक झड़पें हुई हैं। दोनों ओर के सैनिकों में लाठी.डंडों और लोहे की रॉड का इस्तेमाल हुआ है लेकिन गोली नहीं चलने की एक खास वजह है जिसका पालन दोनों ओर से होता आया है। गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प में दोनों ओर के सैनिकों ने पत्थरों, रॉड और लाठी.डंडों से हमला बोला। दोनों ओर से इस तरह के हथियार चले, इसमें दोनों ओर के सैनिक हताहत हुए। लेकिन इतने बड़े संघर्ष में दोनों ओर के सैनिकों ने गोलियां नहीं चलाईं। ये खूनी संघर्ष 15 जून को काफी देर तक चलता रहा। जब ये खबरें आनी शुरू हुईं तो सभी ये जानना चाह रहे थे कि क्या हिंसक झड़प में दोनों ओर से गोलियां भी चली है? जैसा आमतौर पर सीमा पर भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच होता रहा है। लेकिन जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है, वो ये बता रही है कि दोनों ही पक्षों ने गोली नहीं चलाई। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर सीज फायर लागू है। भारत और चीन में किसी ने भी 1975 के बाद सीजफायर नहीं तोड़ा है यानी सीमा पर गोली नहीं चली है। माना जाता है कि दोनों ओर के सैनिकों को कड़े निर्देश हैं कि वो गोली किसी हालत में नहीं चलाएंगे। ऐसा तभी होगा जबकि उन्हें इसके निर्देेश हाईलेबल से दिए जाएंगे। दोनों ही ओर की सेना पिछले चार दशकों से गोली नहीं चलाने के निर्देश का पालन पिछले चार दशकों यानी 40 से अधिक सालों से करती रही है। दोनों ओर की सरकारों ने 1967 के आसपास और उसके बाद इस बात पर कड़ाई से सहमति रखी हुई है कि सीमा पर चाहे कितने भी गहरे मतभेद और विवाद हो जाएं, तनाव की स्थितियां बनें लेकिन वो फायरिंग नहीं करेंग, अन्यथा हालात बिगड़ जाएंगे। इसलिए पिछले कुछ सालों में जब भी सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव होता है तो सैनिकों के बीच हाथापाई, धक्का.मुक्की तो होती है लेकिन दोनों ही किसी भी तरह के गंभीर झगड़े से बचते हैं। लेकिन इस बार तनाव खासा बढ़ा हुआ है,करीब एक महीने से दोनों फौजें आमने.सामने की स्थिति में हैं। गलवान घाटी, जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई। हालांकि जो खबरें हैं। उसके अनुसार पिछले एक महीने से कहीं अधिक समय में पेनगांग, नाथू ला दर्रा और अब लद्दाख की गलवान घाटी में कई बार दोनों ओर के सैनिकों के बीच लाठी.डंडों, लोहे की रॉड से झड़प हो चुकी है और इसमें कई सैनिकों को चोटें आईं। सीमा पर चीनी सैनिकों का जमावड़ा कई जगहों पर जबरदस्त तरीके से बढ़ रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 से लेकर 2018 के बीच चीनी सेना ने भारतीय सीमा पर 1025 बार घुसने की कोशिश की है, ये लगातार बढ़ता जा रहा है। चीन राजनयिक स्तर पर लगातार संबंध बेहतर करने की बात तो करता है लेकिन सीमा पर सबसे ज्यादा आक्रमक रवैया भी वही दिखाता रहा हैं। 1950 से लेकर अब तक लगातार इस तरह के उदाहरण देखे गए हैं। अबकी बार गलवान घाटी में दोनों ओर के सैनिकों की झड़प कुछ ज्यादा ही खूनी हो गई है। जो पिछले 40 सालों में कभी नहीं हुई है।