किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए गए कर्ज को नहीं चुकाने और धोखाधड़ी करने के मामले में माल्या भारत में वांछित हैं। इस मामले में करीब 9,000 करोड़ रुपये की कर्ज देनदारी शामिल है। माल्या के वकील यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि एयरलाइन का कर्ज नहीं चुका पाने का मामला कारोबार की विफलता का नतीजा है। इसे किसी बेईमानी या धोखाधड़ी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
भारत की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
- कानून रिव्यू/इंटरनेशनल
—————————सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली यह कहावत विजय माल्या पर पूरी तरह से चरितार्थ होती हुई दिख रही है। विजय माल्या सरकार का देनदार है और विदेश भाग कर शरण लिए हुए है। अब विजय माल्या के वकील भारत की कानून व्यवस्था पर सवाल खडे कर नसीहत दे रहे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर विवादों में घिरे शराब व्यवसायी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की लंदन में सुनवाई हुई है।
इस दौरान उनके वकीलों ने भारत की न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए। माल्या सुनवाई के चौथे दिन लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में मौजूद रहे। उनकी वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर अपनी राय देने के लिए डॉ0 मार्टिन लाउ को पेश किया। डॉ0 लाउ दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ हैं।
डॉ0 लाउ ने सिंगापुर और हांगकांग के तीन अकादमिकों द्वारा किए गए एक अनाम अध्ययन का हवाला देते हुए सेवानिवृत्ति के करीब पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए।
माल्या उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए गए कर्ज को नहीं चुकाने और धोखाधड़ी करने के मामले में भारत में वांछित हैं। इस मामले में करीब 9,000 करोड़ रुपये की कर्ज देनदारी शामिल है।
माल्या के वकील यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि एयरलाइन का कर्ज नहीं चुका पाने का मामला कारोबार की विफलता का नतीजा है। इसे किसी बेईमानी या धोखाधड़ी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
इसी बीच यह सामने आया है कि माल्या के खिलाफ इंग्लैंड की हाईकोर्ट के तहत आने वाली वाणिज्यिक अदालत के क्वीन्स बेंच डिविजन में भी समानांतर एक सुनवाई चल रही है। यह मामला भारतीय बैंकों के समूह ने माल्या की वैश्विक परिसंपत्तियों पर रोक लगाने के लिए दायर किया है।
माल्या के खिलाफ इस दावे में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा,कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रीकंस्ट्रक्शंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड सूचीबद्ध आवेदक है। अन्य संबंधित मामलों में लेडीवाक एलएलपीए रोज कैपिटल वेंचर्स लिमिटेड और ऑरेंज इंडिया होल्डिंग्स का नाम शामिल हैं।
माल्या पर प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के चलते उनके वकीलों को इस मामले में जवाब देने के लिए और समय दे दिया गया है।