समृद्धि नागर फांउडेशन की चेयरमैन व महाराजा एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंधक निदेशक श्रीमती मंजू नागर से ’कानून रिव्यू’ की खास बातचीत
मौहम्मद इल्यास-’दनकौरी’/गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर की कानून व्यवस्था को चाक चौबंद और बेहतर बनाने की कडी में ’कानून रिव्यू’ ने -’कानून व्यवस्था पर एक नजर’- विशेष कॉलम शुरू किया है। प्रत्येक व्यक्ति चाहे, जिस क्षेत्र से भी जुडा हो कानून व्यवस्था से उसका जरूर सरोकार होता है, इसलिए हर व्यक्ति से एक नया विचार निकल कर आ सकता है। हाईटेक शहर की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए समाज,कला संगीत, विज्ञान, शिक्षा,खेल और राजनीति आदि क्षेत्रों से जुडे लोगों से उनके विचार जानेंगे। इस कडी में समृद्धि नागर फांउडेशन की चेयरमैन व महाराजा एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड की प्रबंधक निदेशक श्रीमती मंजू नागर से भी खास बातचीत की हैं आइए जानते हैं बातचीत के प्रमुख अंशः-
जीवन परिचयः-
नामः-श्रीमती मंजू नागर
पति का नामः-श्री बिजेन्द्र सिंह नागर
जन्म तिथिः- 01 मई, सन 1972
जन्म स्थानः- तैमूर नगर, नई दिल्ली
मूल स्थानः- शकरपुर, ( कुचेसर रोड चौपाला), जिलाः- हापुड, ( उत्तर प्रदेश )
शिक्षाः- एम.ए.(डबल)/एल.एल.बी./बीएड./ योगा एवं नैचुरोपैथी
1ः- एम.ए.- जामिया मिल्लिया इस्लामियां यूनिवर्सिटी दिल्ली
2ः-एम.ए.- इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी दिल्ली
3ः- बीएड.- महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी, रोहतक( हरियाणा )
4ः-योगा एवं नैचुरोपैथी- बापू हॉस्पिटल मयूर विहार, दिल्ली
पदः- चेयरमैन- समृद्धि नागर फांउडेशन, नोएडा/ प्रबंधक निदेशक- महाराजा एग्रो फूड प्राइवेट लिमिटेड
सामाजिक सक्रियता :-
1ः-राष्ट्रीय संयोजिका- राष्ट्रीय वीर गुर्जर सेना
2ः-राष्ट्रीय संयोजिका विशाल हिंदु युवा वाहिनी
1……… गौतमबुद्धनगर जिले की कानून व्यवस्था पिछले सालों के मुकाबले बेहतर हुई है?
— बिल्कुल, जिले की कानून व्यवस्था पिछली सरकारों की तुलना में बेहतर हुई है क्योंकि अपराधियों पर पुलिस लगातार अंकुश लगा रही है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नही है जब आम जनता बेखौफ होकर जीवन जी सकेगी।
2………..पुलिस एफआईआर असानी से दर्ज कर लेती है?
— जी, इसमें कोई शक नही है, अब पुलिस आम आदमी से तमीज से पेश आती है और शिकायत को दर्ज कर कानून सम्मत कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। गौतमबुद्धनगर में कमिश्नर ऑफ पुलिस ने साफ तौर पर आदेश दिए हैं कि थाने आने वाले हर फरियादी की शिकायत तसल्ली पूर्वक सुनी जाए और एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की जाए। पुलिस में 112 न0 भी अच्छा काम कर रही है, इससे एफआईआर दर्ज कराने में पूरी मद्द मिलती है।
3………पुलिस सहायता- 112 नंबर की बात आई है यह तो सब पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार की देन है?
—जी, बिल्कुल सही बात है, सरकार चाहे किसी की भी हो जो सुविधा जनता के काम आ रही है, उपलब्धि ही कहा जाना चाहिए। इसमें दलगत राजनीति की कोई बात नही है, अखिलेश यादव सरकार ने 112 नबंर की पुलिस सहायता, जिलो से हटा कर सीधे राजधानी लखनउ से जोड दी थी, जो आज बेहतर परिणाम दे रही है।
4……….पुलिस बाजार में गश्त करती है जिससे व्यापारी राहत महसूस कर रहे हैं?
— हां इसमें अभी थोडी कमी है, पुलिस बाजार में नियमित रूप से गश्त नही कर रही है। जब कि होना यह चाहिए कि खास कर शाम के वक्त जब बाजारों में ग्राहकों की आवाजाही बढ जाती है, पुलिस टीम को गश्त करनी चाहिए और रात्रि के समय भी लगातार गश्त होनी चाहिए।
5……….व्यापार/उद्यमी संगठन पुलिस गश्त के मुदद्े को आला अफसरों के समक्ष उठाएगें?
—-बिल्कुल, कानून की व्यवस्था की बैठक में पुलिस गश्त के मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाना चाहिए, पहले भी कई बार पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष गश्त का मुद्दा उठाया जा चुका है।
6…….. जनपद में अपराध कम हुए है और व्यापारी बेखौफ होकर जी रहे हैं। यह कैसे माना जा सकता है?
— पूर्व में रंगदारी के मामले आए दिन आते रहते थे, जनपद में कई व्यापारियों की हत्याएं भी रंगदारी के मामलों को लेकर हुई थीं, मगर अब रंगदारी जैसे मामले गायब हो गए हैं और व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। एनकांउटर से बदमाशों की कमर टूट रही है और अब बदमाश या तो राज्य से बाहर हैं या फिर जेल के अंदर रहना ही सलामती मान रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि वाकई कानून का राज स्थापित हो रहा है और व्यापारी निर्भीक रूप से अपने काम धंधों मे लगे हुए हैं।
7…….. गौतमबुद्धनगर औद्योगिक जिला है मगर पिछले 10 सालों में यहां कोई बडी कंपनी नही आई है, कारण कानून व्यवस्था को मानते हैं?
— कानून व्यवस्था यदि खराब होगी। लूट, हत्याएं, अपहरण, फिरौती आदि घटनाएं होंगी, तो औद्योगिक माहौल नही बन पाता है और लोग निवेश के लिए इस तरह के क्षेत्र को नही चुनते हैं। मगर अब ऐसा ही माहौल, धीरे धीरे बदल रहा है। बाबा राम देव की पताजंलि, वीवो यमुना सिटी और ओप्पो जैसी कंपनियां ग्रेटर नोएडा में भी आई हैं।
8………. औद्योगिक क्षेत्र में माफियाराज समाप्त हो चुका है?
— नोएडा के बाद जब ग्रेटर नोएडा शहर बसाया गया तो यहां पर कई बडी कंपनियां जैसे डेंसो, यामाहा, देबू, होडा सिएल, एलजी, मोजर वीयर आदि कंपनियां आई थीं, किंतु यहां पर माफिया लोगों ने ऐसा जाल बुना कि चौथ वसूली लगातार बढती ही चली गई और कपंनियों ने यहां से पलायन करना शुरू कर दिया। कई कंपनियां यूनियनबाजी की शिकार हुई जिनमें माफियाओं का सीधा हस्तक्षेप ही एक कारण रहा था। किंतु अब धीरे धीरे सब कुछ पटरी पर आ रहा है, यदि किसा उद्यमी को इस तरह की कोई दिक्कत है, सीधे पुलिस से शिकायत की जाए, तो फौरन कार्यवाही अमल में आती है।
9…………गौतमबुद्धनगर पुलिसिंग की तुलना राजधानी दिल्ली से की जाती है यहां पर पुलिस कमिश्नरी प्रणाली भाजपा की योगी सरकार में लागू हुई है, क्या मानती हैं?
— गौतमबुद्धनगर उत्तर प्रदेश का एक हाईटेक और औद्योगिक जिला है जिसे यूपी के फेस मॉडल के रूप में देखा जाता है। यही कारण है कि यहां पर देश प्रत्येक प्रांत का व्यक्ति रोजगार की दृष्टि से मिल जाता है जिससे यहां एक मिनी इंडिया के दर्शन होते हैं। पुलिस कमिश्नर प्रणाली जब से यहां लागू हुई है, सिस्टम अब शहरी पुलिस की तर्ज पर आ गया है और और परिणामस्वरूप कानून व्यवस्था मजबूत व बेहतर भी हुई है।
10……………ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी के मुद्दे पर क्या कहेंगी, कोई सुझाव है क्या?
—-ट्रेफिक मैनेजमेंट और रोड सैफ्टी का एक ज्वलंत मुद्दा है, इस पर काम करने की बहुत ज्यादा जरूरत है। सुत्याना, सूरजपुर और तिलपता कर्णवास गांवों के बीच से होकर दादरी नोएडा रोड जाता है और जिससे यहां पर भारी वाहनो की आवाजाही इतनी है कि यहां के बाशिंदों के प्राण पखेरू हो जाते हैं। तिलपता में कंटनेर डिपो है, कंटनेर आदि भारी वाहन इतनी तेज स्पीड से जाते हैं कि कई लोग तो दुर्घटनाओं के काल के गाल में समा चुके हैं। कुछ समय पूर्व ही कंटनेरों के होटल और ढाबों में घुस जाने की घटनाएं प्रकाश में आई थी जिनमें स्थानीय निवासियों की दुखद मौत ने यहां के लोगों को झकझोर दिया था। इसलिए अब यहां से भारी वाहनों की आवाजाही बिल्कुल बंद की जानी चाहिए।