कानून रिव्यू/ नई दिल्ली
शारदा चिट फंड मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त और आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से उस आदेश में संशोधन की गुहार लगाई है जिसमें अंतरिम राहत के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। आईपीएस राजीव कुमार की ओर से पेश वकील ने जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की वेकेशन बेंच के समक्ष इसका उल्लेख किया और कहा कि संबंधित कोर्ट जाने के लिए 7 दिन का समय दिया गया था लेकिन कोलकाता में अदालतों में वकीलों की हड़ताल चल रही है। सरंक्षण के लिए दिए गए 7 दिनों में 4 दिन बीत चुके हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में संशोधन करे और कहे कि ये 7 दिन का समय तब शुरू होगा जब ये हड़ताल खत्म हो जाए। पीठ ने मामले को रजिस्ट्रार के पास ले जाने को कहा हालांकि पीठ ने इस अर्जी पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि ये फैसला 3 जजों की पीठ का है, इसलिए वो इस पर सुनवाई नहीं कर सकते। पीठ ने कहा कि वो इस मामले को लेकर रजिस्ट्रार के पास जाएं ताकि वो इस मामले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के सामने रख सकें। दरअसल 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित अदालत जाने के लिए उन्हें 7 दिनों का समय दिया है। पीठ ने कहा था कि सीबीआई कानून के मुताबिक काम कर सकती है। 2 मई को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने सीबीआई की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की दलीलें सुनने के बाद ये फैसला सुरक्षित रखा था।