कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
—————————-शारदा यूनिवर्सिटी में आनंद स्वरूप गुप्ता मैमोरियल थर्ड नेशनल मूट कोर्ट कंपटीशन संपन्न हुआ। इस मूट कोर्ट कंपटीशन में विभिन्न स्कूल ऑफ लॉ के छात्रों ने भाग लिया। नेशनल मूट कोर्ट कंपटीशन में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, रिटायर्ड जस्टिस पीएस नारायणा, गौतमबुद्धनगर कंज्यूमर फोरम के चेयरमैन राजेंद्र बाबू शर्मा, सीनियर प्रोसीक्यूटिंग ऑफिसर ललित मुद्दगल, गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ डीन एसके सिंह आदि अतिथिगणों ने भाग लिया। छात्रों ने मूट कोर्ट में कई तथ्यपरक विषय रखे और कानूनी की बारीकियों पर अपनी प्रस्तुति दी। वहीं मूट कोर्ट में अतिथिगणों ने अदालती कार्यवाही, कानून की बारीकियों के बारे में छात्र छात्राओं को अवगत कराया। शारदा यूनिवर्सिटी के चांसलर पीके गुप्ता ने कानून के क्षेत्र में अच्छे और प्रखर अधिवक्ताओं के जाने पर संवैधानिक ढांचे की मजूबती की बात कहीं और आगुंतकों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर शारदा स्कूल ऑफ लॉ के एसोसिएट्स प्रोफेसर पी यादव समेत फैकल्टीज उपस्थित रहीं।
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मानों कानून की अलग ही नर्सरी तैयार कर ली गई है-ललित मुद्दगल
सीनियर प्रोसक्यूटिंग ऑफिसर ललित मुद्दगल ने कानून रिव्यू को बताया कि मूर्ट कंपटीशन से एक ही छत ही नीचे कोर्ट के सारे प्रोसीजर की नॉलेज मिलती है। कानून की शिक्षा के बाद कोई स्टूडेंट जज बनेगा तो कोई प्रोफेसर और कोई वकील बनेगा। मूट कोर्ट वह प्रक्रिया होती है जहां कोर्ट की पूरी प्रक्रिया की जानकारी इस प्रेक्टिकल के दौरान मिलती है। उन्होंने कहा कि शारदा यूनिवर्सिटी की मूट कोर्ट में कानून के छात्रों ने जिस बेहतर तरीके से अपनी प्रस्तुति दी है उससे ऐसा लगता है कि मानों कानून की अलग ही नर्सरी तैयार कर ली गई है और यहां के छात्र हर प्रकार सफल साबित होगा। यानी इन छात्रों का भविष्य सुनहरा ही होगा सा उनका मानना है।
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अच्छे अधिवक्ताओं की भूमिका हमारे देश के नीति निर्माताओं ने भी निभाई-राजेंद्र बाबू शर्मा
रिटायर्ड जज व उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजेंद्र बाबू शर्मा ने बताया कि कानून के माध्यम से ही हर किसी को न्याय मिलता है। कानून के इस क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को जितनी गुणवत्ता परक कानून की जानकारी होगी न्याय दिलवाने में भी उतने ही सक्षम होंगे। बैंच और बार के बीच में अच्छा समन्वय भी न्याय दिलाने में मद्दगार साबित होता है। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर आज तक जितने भी आंदोलन हुए हैं अथवा कानून की बात आई हैं अच्छे अधिवक्ताओं की भूमिका का निर्वाहन सबसे खास बिंदु रहा है। यह अच्छे अधिवक्ताओं की भूमिका हमारे देश के नीति निर्माताओं ने भी निभाई है चाहेंं वो पंडित नेहरू रहे हों या फिर महात्मा गांधी आदि।