सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में 50 वर्ष से कम आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था, जिसके बाद पिछले साल सितंबर से ही सबरीमाला मंदिर विवादों के केंद्र में है। सितंबर से ही सबरीमाला मंदिर क्षेत्र में मंदिर परिसर के अधिकारियों और श्रद्धालुओं के बीच झड़प हो रही है। श्रद्धालुओं का हिंसक विरोध प्रदर्शन भी आए दिनों देखने को मिल रहा है।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं की सुरक्षा दिए जाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सुरक्षा संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उन्हें चौबीसों घंटे सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।् सीजेआई रंजन गोगाई ने कहा कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केरल सरकार की होगी, वह इसके लिए जिम्मेदार होंगे। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करके इतिहास रचने वाली दोनों महिलाओं ने सुरक्षा के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर शुक्रवार को सुनाई के लिए तैयार हो गया था। उन्होंने याचिका में कहा कि राज्य में उग्र आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के कारण उनकी जान खतरे में है क्योंकि हर जगह उनका विरोध हो रहा है। इससे पहले मंदिर में प्रवेश करने वाली 44 वर्षीय कनकदुर्गा ने अपनी सास पर कथित रूप से हमले का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि मंगलवार सुबह जब वह घर लौटी तो उसकी सास ने कथित रूप से उसके सिर पर वार कर दिया, जिसके बाद कनकदुर्गा को पेरिनथलमन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया ह। सबरीमाला मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 44 वर्षीय कनकदुर्गा और 40 वर्षीय बिंदु ने भगवान अयप्पा के मंदिर में सबसे पहले प्रवेश किया था। कनकदुर्गा सिविल सर्विस में कार्यरत हैं, वहीं बिंदु केरल के कन्नूर यूनिवर्सिटी में लॉ लेकचरर हैं। दोनों महिलाओं को तब से लगातार धमकियां मिल रही हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में 50 वर्ष से कम आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था, जिसके बाद पिछले साल सितंबर से ही सबरीमाला मंदिर विवादों के केंद्र में है। सितंबर से ही सबरीमाला मंदिर क्षेत्र में मंदिर परिसर के अधिकारियों और श्रद्धालुओं के बीच झड़प हो रही है। श्रद्धालुओं का हिंसक विरोध प्रदर्शन भी आए दिनों देखने को मिल रहा है।