विधि आयोग ने फिर मांगे सुझाव
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
——————– एक देश एक कानून यानि समान नागरिक संहिता पर विचार कर रहे विधि आयोग ने एक बार फिर आम जनता, संगठनों व अन्य सभी लोगों से तीन तलाक को छोड़ कर बाकी मुद्दों पर विस्तृत राय और परामर्श मांगा है। आयोग ने पब्लिक अपील जारी करते हुए कहा है कि 6 अप्रैल तक लोग देश में समान नागरिक संहिता पर अपने परामर्श पत्र या विस्तृत सुझाव भेज सकते हैं। अगर आयोग को जरूरत लगती है तो वह लोगों को विस्तृत चर्चा के लिए बुलाएगा। आयोग ने साफ किया है कि लोग तीन तलाक के मुद्दे पर अपने सुझाव न भेजें क्योंकि तीन तलाक मुद्दा फिलहाल संसद में विचाराधीन है। माना जा रहा है कि आयोग समान नागरिक संहिता पर सरकार को अपनी रिपोर्ट अगस्त तक सौंप देगा क्योंकि अगस्त में विधि आयोग के वर्तमान अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान का कार्यकाल पूरा हो जाएगा।
विधि आयोग सरकार के कहने पर समान नागरिक संहिता पर विचार कर रहा है। आयोग ने 2016 में 16 सवालों की प्रश्नावली जारी कर लोगों से समान नागरिक संहिता पर राय मांगी थी। इन सोलह सवालों में मुसलमानों में प्रचलित तीन तलाक, निकाह, हलाला और बहुविवाह का मुद्दा भी शामिल था। मामला आयोग के समक्ष लंबित रहने के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित करते हुए रद कर दिया था। जिसके बाद सरकार तीन तलाक पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए कानून लाने की तैयारी कर रही है। तीन तलाक का विधेयक फिलहाल संसद में लंबित है। इसीलिए आयोग ने तीन तलाक का मुद्दा विचार से अलग कर दिया है।