भारी हंगामें और विरोध के बीच राजस्थान विधानसभा में क्रिमिनल लॉ बिल पेश
वसंधुरा सरकार आई बैकफुट पर
- कानून रिव्यू/ राजस्थान
……………………………………………भारी विरोध के बावजूद राजस्थान सरकार ने लोकसेवकों को संरक्षण देने वाला क्रिमिनल लॉ के संसोधन के बिल को विधानसभा में पेश कर दिया। राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ा कानून बताते हुए इसे हर हल में लागू करने का ऐलान किया तो विपक्ष ने इसे काला कानून बताते हुए जोरदार विरोध किया। वहीं राज्य सरकार विवादित विधेयक पर पुर्नविचार किए जाने की बात कहते हुए बचाव की मुद्रा में भी आ गई है। इस बिल के खिलाफ कांग्रेस ने जहां सदन से वाक आउट किया वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट की अगुवाई में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कियाण् कांग्रेस के राजभवन तक के विरोध मार्च को पुलिस ने इजाजत नहीं दी तो सचिन पायलट की अध्यक्षता में कांग्रेस ने बजाजनगर थाने में गिरफ्तारियां दीं। सचिन पायलट ने इसे काला कानून बताते हुए कहा कि जब तक ये बिल वापस नहीं होगा तब तक हम चैन से नही बैठेंगें।
विधेयक के मुख्य बिदु
- .. बिना सरकार के इजाजत किसी भी पचं,सरपंच, विधायक, सांसद और अधिकारी.कर्मचारी पर कोई एफआईआर नहीं होगी।
- .. बिना इजाजत के मीडिया के खबर छापने पर भी पाबंदी होगी।
- … किसी भी लोकसेवक के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं करा सकता है और पुलिस भी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती है।
- .. किसी भी लोकसेवक के खिलाफ कोई कोर्ट नहीं जा सकता है और न ही जज किसी लोकसेवक के खिलाफ कोई आदेश दे सकता है।
- .. कोई भी मीडिया किसी लोकसेवक के खिलाफ बिना सरकार की इजजात के आरोप नहीं लगा सकता।
- … किसी भी लोकसेवक की शिकायत के पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी। 180 दिन के अंदर सरकार के स्तर पर सक्षम अधिकारी इजाजत देगा और 180 दिन के अंदर नहीं पाया तो खुद ही इजाजत समझी जाएगी।
- … इस कानून के उल्लंघन करने वाले भी दंड के हकदार होगें और जिन्हें दो साल की जेल हो सकती है।
सरकार के लिए धर्म संकट
————————— सरकार इस बिल का बचाव कर रही है,लेकिन सदन में बीजेपी के ही दो विधायकों नरपत सिंह राजवी और घनश्याम तिवाड़ी ने इसका विरोध किया है। यहां तक विवाद बढ़ता देख खुद वसुंधरा सरकार के मंत्री सरकार के बचाव में बोलने से बच रहे है उधर सरकार ने बिल के बचाव में पूरी पार्टी उतार दी है।
बीजेपी के दो विधायकों ने क्या कहा?
………………………………………………..बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी और घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि ये बिल बीजेपी के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के विरोध में लाया गया बिल है इसलिए हम इसका समर्थन नहीं करेंगे। राजवी ने कहा कि ये बिल्कुल गलत कानून है और इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
बीजेपी का दावा
……………………….बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी का कहना है कि हमारी मंशा है कि झूठे केस पर लगाम लगे इसलिए हम इसे लेकर आए हैं। 70 फीसदी झूठे केस आ रहे हैं इस बिल के अनुसार कोई भी लोकसेवक अपनी ड्यूटी के दौरान लिए गए निर्णय पर जांच के दायरे में नहीं आ सकता है। क्रिमिनल लॉ राजस्थान अमेंडमेंट अर्डिनेंस 2017 के नाम से जारी इस आदेश में साफ तौर पर मीडिया पर गैग ऑर्डर लगा है कि किसी भी अधिकारी की पहचान वो तब तक उजागर नहीं कर सकता जब तक सरकार के स्तर पर सक्षम अधिकारी इसकी इजाजत नहीं दे।
वसुंधरा सरकार विवादित विधयेक पर पुर्नविचार को मजबूर
…………………………………………………………………………..विपक्ष के हंगामे, हाई कोर्ट में याचिका और चौतरफा विरोध के बाद राज्य सरकार इस पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर हो गई है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने देर रात अपने निजी अधिकारियों व मंत्रियों की बैठक बुलाई और विधेयक पर पुनर्विचार किया। सत्ता पक्ष यह प्रस्ताव ला सकता है कि इस विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया जाए। यह समिति विधेयक के प्रस्तावों पर विचार करेगी।