अब नए कानून से इस रूढ़िवादी कैथोलिक देश में गर्भपात की अनुमति मिल सकेगी। गर्भपात पर रोक को पलटने के लिए जनमत संग्रह के नतीजे पर सविता के पिता अंदानेप्पा यालागी ने कहा कि वह बहुत खुश हैं। अपनी बेटी की यादों से गमगीन यालागी ने कहा कि हमें सविता के लिए इंसाफ मिला है और उसके साथ जो हुआ वह अब किसी परिवार के साथ नहीं होगा।
कानून रिव्यू/इंटरनेशनल
—————————– आर्यरलैंड में गर्भपात को लेकर बनाए जा रहे नए कानून का नाम सविता रखा जाएगा। गर्भपात समर्थक इन दिनों इस मुद्दे पर कैंपेन चला रहे हैं। इनकी मांग है कि सरकार नए गर्भपात कानून क नाम भारतीय डॉक्टर दिवंगत सविता हलप्पनवार के नाम पर रखे। साथ ही इस कानून को सविता लॉ से जाना जाए। फिलहाल सरकार ने इस मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन कई समूह ने इसका समर्थन किया है। आयरलैंड में मौजूदा गर्भपात रोधी कानून को हटाने के लिए कराए गए जनमत संग्रह में कुल 66.4 फीसदी लोगों ने इसके पक्ष में वोट किया। रिटर्निंग ऑफिसर बैरी रेयान ने कहा कि कुल 33.6 फीसदी मतदाताओं ने मौजूदा गर्भपात कानून को जस का तस रखने के पक्ष में वोट किया। इस कानून को स्थानीय नागरिकों में आठवें संशोधन के रूप में जाना जाता है जिसके तहत देश में गर्भपात प्रतिबंधित है। आयरलैंड में गर्भपात के लिए अनुमति नहीं मिलने पर 2012 में दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की मौत हो गई थी। सविता की मौत के बाद संविधान के आठवें संशोधन को पलटने के लिए माहौल बनने लगा। अब नए कानून से इस रूढ़िवादी कैथोलिक देश में गर्भपात की अनुमति मिल सकेगी। गर्भपात पर रोक को पलटने के लिए जनमत संग्रह के नतीजे पर सविता के पिता अंदानेप्पा यालागी ने कहा कि वह बहुत खुश हैं। अपनी बेटी की यादों से गमगीन यालागी ने कहा कि हमें सविता के लिए इंसाफ मिला है और उसके साथ जो हुआ वह अब किसी परिवार के साथ नहीं होगा। गौरतलब है कि जनमत संग्रह में उमड़ी भीड़ आयरलैंड में हुए अब तक हुए जनमत संग्रह में उमड़ी भीड़ में सबसे अधिक रही। जिससे यह पता चलता है कि आयरलैंड के लोगों के लिए गर्भपात संबंधी मुद्दे कितना महत्व रखते हैं।