कानून रिव्यू/नई दिल्ली
सीएम केजरीवाल की सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी से सियासी बवाल मच गया है और सभी प्रमुख विपक्षीदल इस मुद्दे पर घेरने में लगे हुए हैं। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। बीजेपी ने केजरीवाल के इस बयान को निशाने पर लेते हुए इसकी
निंदा की है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने सीएम केजरीवाल के बयान पर कहा हमें विश्वास नहीं हो रहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुना हुआ एक मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर सकता है। वह हमेशा से अराजकतावादी रहे हैं। संविधान को दरकिनार कर नियमों से छेड़खानी करना उनका तरीका है। वहीं आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अरविंद केजरीवाल के बयान का समर्थन किया है। संजय सिंह ने कहा कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट का दोहरा मापदंड है। सुप्रीम कोर्ट से सरकार ने सीएजी रिपोर्ट पर झूठ बोला। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नहीं किया। सीबीआई पर भी कुछ नहीं हुआ। कोर्ट ने हमें तीसरी बेंच के सहारे लटका दिया। संजय सिंह से सवाल पूछा गया कि आपके प्रवक्ता ट्वीट कर रहे हैं कि शीला पर कार्रवाई नहीं हुई तो पीएम मोदी से पूंछिए वहीं दूसरी तरफ आप राहुल से बैठक कर रहे हैं। इस सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि हम लोग संविधान को लेकर साथ इकठ्ठा हुए हैं। हमारे पास एसीबी नहीं है तो हम भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कैसे करेंगे? सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को दोबारा हम पर डंडा चलाने की इजाज़त दे दी है। आप राज्यसभा सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट है कि नायब तहसीलदार की अदालत। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं है। वह सुप्रीम कोर्ट को भी बोल रहे हैं,चुनाव आयोग को भी बोल रहे हैं। इन पर अवमानना का केस होना चाहिए। तंज कसते हुए तिवारी ने कहा कि कुछ दिनों में ये केजरीवाल शीला जी के पैरों में गिरे नजर आएंगे। अरविंद केजरीवाल अर्बन नक्सल हैं। दिल्ली में चार साल तक कोई काम नहीं किया,जिनके खिलाफ बोलकर सत्ता में आए उनके पीछे गठबंधन के लिए घूम रहे हैं। इस पूरे मुद्दे पर शीला दीक्षित ने भी टिप्पणी की है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा संविधान में उन शक्तियों का उल्लेख है,जो दिल्ली के पास हैं,वे असीमित नहीं हैं। बहुत.सी चीज़ों पर केंद्र, उपराज्यपाल और केंद्रीय गृह मंत्रालय फैसला करते हैं। इसलिएए लड़ाई कोई हल नहीं है। ज़रूरत हो,तो बदलाव करें। शक्तियों का इस बात से कोई लेना.देना नहीं होता कि आपने कितनी सीटें जीती हैं।