कानून रिव्यू/नई दिल्ली
लोकतंत्र का महापर्व यानी लोकसभा चुनावों का दौर चल रहा है। एनडीए और यूपीए की लुकाछिपी के चलते हुए यह कहना अभी मुश्किल है कि आखिर इस बार लोकसभा में पूर्ण बहुमत किसी एक पार्टी या फिर गठबंधन आएगा या फिर खंडित जनादेश। देश की सरकार बनाने के संभावित विवाद की सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इन गर्मी की छुट्टियों में इस तरह कोई विवाद पैदा होता है तो सुप्रीम कोर्ट में वेकेशन बेंच सुनवाई करेगी। मुख्य न्यायाधीश की पीठ सुप्रीम कोर्ट में गर्मियों की छुट्टियों में संभावित सरकार गठन को लेकर विवादों की सुनवाई करेगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश के लिए ये एक दुर्लभ उदाहरण होगा जो खुद अवकाश पीठ की अध्यक्षता करेंगे। दरअसल 13 मई से 30 जून, 2019 तक वार्षिक ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए सुप्रीम कोर्ट बंद रहेगा। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ छुट्टी के पहले भाग के लिए पहली और दूसरी पीठ 13 मई से 24 मई के तौर पर नामांकित की गई है। छुट्टी के पहले भाग की तीसरी पीठ 25 से 28 मई तक और छुट्टी के दूसरे भाग की पहली पीठ 29 से 30 मई यानी 23 मई को आम चुनाव परिणाम घोषित होने के एक हफ्ते बाद, की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई करेंगे और इसमें न्यायमूर्ति एम. आर. शाह भी रहेंगे। इसलिए इसकी संभावना ज्यादा बन गई है कि यह पीठ किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत न होने या किसी भी तरह का विवाद होने पर संभावित सरकार गठन विवादों की सुनवाई करेगी। छुट्टी के दूसरे भाग की दूसरी, तीसरी और चौथी पीठ में न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी हैं।