फ्लैटों को तत्काल सील करने के ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को कोर्ट के निर्देश
कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक जार प्रोजेक्ट के 1060 फ्लैट अब खटाई में पड गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमिक्रान.1 स्थित इन सुपरटेक के जार ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में बन रहे 1060 फ्लैटों को अवैध घोषित करते हुए उसके खरीद.फरोख्त पर रोक लगा दी है। इन अवैध फ्लैट को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक को नोटिस जारी कर इन अवैध फ्लैटों पर खरीदारों को कब्जा न देने को कहा था। बावजूद इसके सुपरटेक ने इन अवैध फ्लैटों को खरीद्दारों को बेचा और कब्जा भी दिया। कोर्ट ने इसे अवैध ही नहीं, अपराध भी माना है। इसी संदर्भ में पूर्व में धर्मेंद्र सिंह सेंगर ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने इन सभी अवैध फ्लैट को सील करने का आदेश दिया था। लेकिन, हाईकोर्ट के आदेश के बाद 5 जुलाई 2019 को औद्योगिक विभाग के प्रिंसिपल सेक्रटरी ने एक आदेश पारित कर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगाए गए सील को हटाने का आदेश दिया था। प्रिंसिपल सेक्रेटरी के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। उस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध बने 1060 फ्लैटों के खरीद.फरोख्त और ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया गया है कि सुपरटेक उन सभी फ्लैट खरीदारों को बताए, अवैध फ्लैट खरीद गए हैं, उसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अवैध घोषित किया है। इसके अलावा न्यायालय ने भी इसके खरीदने.बेचने और कब्जा लेने पर रोक लगाई है। इसके बाद भी यदि कोई इन अवैध फ्लैट को खरीदता या बेचता है या किसी भी तरीके से लेन.देन करता है तो वह स्वयं और बिल्डर जिम्मेदार होगा। न्यायालय ने प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वह अवैध फ्लैटों को तुरंत सील करे और इसकी काउंटर एफिडेविट न्यायालय में 12 दिसंबर को जमा करें।