कानून रिव्यू/नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने गरीब सवर्णों के आरक्षण पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। कैबिनेट में आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी देने के बाद सवर्ण कोटा बिल लोकसभा में 3 के मुकाबले 323 मतों से और राज्यसभा में 7 के मुकाबले 165 मतों से पारित हो गया था। मामले में सुप्रीम कोर्ट 28 मार्च को फैसला करेगी। बाद में सवर्ण आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके इसको चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये कानून अधिकतम 50 फीसदी रिज़र्वेशन दिए जाने के नियम के खिलाफ है। हालांकिए सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए सवर्ण आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस आरक्षण के तहत सवर्ण वर्ग को लोगों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण दिया जाएगा। लेकिन इसका फायदा उन्हीं सवर्णों को मिलेगा जिनकी सलाना कमाई 8 लाख से कम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस आरक्षण का न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा।