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सुप्रीम कोर्ट की  बडी खबरें

12.11.2018 By Editor

कानून रिव्यू/नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट बिहार पुलिस की कार्यशैली से खासा नाराज है। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में राज्य की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नही हुई है। वहीं दूसरी ओर राफेल सौदे के दस्तावेज केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिए हैं। इसके साथ ही सीबीआई में रिश्वतखोरी मामले में भी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई है। आइए एक नजर डालते हैं आज की ताजा खबरों पर।

 

 पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी न होने पर बिहार के डीजीपी तलब

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में राज्य की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की गिरफ्तारी न होने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के डीजीपी को तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये चौंकाने वाली बात है कि मंजू वर्मा को तलाश नहीं किया जा सका है।. कोर्ट ने कहा कि कमाल है, किसी को ये नहीं पता कि पूर्व मंत्री कहां हैं,. बिहार सरकार को इस मामले में जवाब देना ही होगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा कि मंजू वर्मा मिल नहीं रही हैं।

 

 

सीबीआई में रिश्वतखोरी मामले की सीलबंद जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी

 सीबीआई में रिश्वतखोरी को लेकर लगे आरोपों से संबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट में दो रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई है। जिसमें पहली रिपोर्ट सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर की गई जांच को सीवीसी ने सौंपी है और दूसरी रिपोर्ट सीबीआई के कार्यकारी चीफ एम नागेश्वर राव द्वारा अफसरों के ट्रांसफर और लिए गए फैसलों की है जिसे सॉलीसीटर जनरल तुशर मेहता ने सौंपी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस दौरान सीवीसी से नाराज दिखा और कहा कि अगर रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पा रहे थे तो कम से कम सूचना तो देनी चाहिए थी।

 

राफेल सौदे के दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपे

राफेल डील मामले में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट दाखिल की गई है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में कीमतों की भी जानकारी दी गई है। इसके अलावा राफेल डील की प्रक्रिया और दसॉल्ट  कंपनी के भारतीय ऑफसेट पार्टनर के चुनाव पर भी कागजात सौंपे गए हैं। केंद्र ने कहा है कि राफेल सौदा प्रक्रिया के तहत ही किया गया है और भारतीय ऑफसेट पार्टनर चुनने में उसकी कोई भूमिका नहीं है. ये ऑरिजनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर यानी दसॉल्ट एविएशन का फैसला था। आफसेट पार्टनर का चुनाव दो निजी कंपनियों का फैसला था।

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