प्रशांत भूषण ने बताया कॉलेजियम का फैसला गैर कानूनी
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसला पर सवाल उठ खडे हुए हैं। इस बार मामला है हाईकोर्ट में जजों कि नियुक्ति का है। हाल ही में 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की कॉलेजियम ने हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति पर कुछ फैसले लिए थे। पहला मामला है इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकील अमित नेगी कि नियुक्ति का है। नेगी का नाम दूसरी बार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने आया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम को सहमति दे दी थी। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति पर नकारात्मक रिपोर्ट दिए जाने के बाद इस बार उनका नाम कॉलेजियम ने रद्द कर दिया है, यही कारण है कि नेगी की नियुक्ति अब नहीं हो सकती। इस पर वकील प्रशांत भूषण ने कॉलेजियम के फैसले में पारदर्शिता न बरते जाने पर टिप्पणी की है। भूषण ने ट्वीट कर कहा है कि कॉलेजियम का फैसला अनैतिक और गैर कानूनी है। उन्होंने कॉलेजियम पर सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट में वकील नजीर अहमद बेग कि नियुक्ति को रद्द कर दिया है, उनका नाम भी दूसरी बार कॉलेजियम के सामने आया था। इससे पहले 24 अप्रैल 2017 को कॉलेजियम ने उनके नाम को हरी झंडी दे दी थी। लेकिन केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद उनका नाम भी मौजूदा कॉलेजियम ने रद्द कर दिया है। बेग के अलावा दो और नाम कॉलेजियम के पास आए थे। इन दोनों नामों को वापस हाईकोर्ट को दोबारा विचार करने के लिए भेज दिया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के लिए सात नाम आए थे। सरकार की आपत्ति के बाद इन सभी नामों को दोबारा विचार करने के लिए भेज दिया गया है। जानकारों का कहना है कि ऐसा बहुत कम होता है कि सभी नाम एक साथ वापस कर दिए जाएं।् इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति पर भी सवाल खड़े हुए थे। इस कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस एसए बोबडे हैं।