दागी नेताओं के चुनाव लड़ने की रोक से कोर्ट का इनकार
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
————————– -सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के चुनाव लडने पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राजनीति का अपराधीकरण एक कैंसर बन गया है संसद खुद पहल करते हुए इस कैंसर का इलाज करना चाहिए। कोर्ट ने वैसे इसके लिए एक गाइडलाइन जारी की है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने राजनीतिक का अपराधिकरण मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि करप्शन एक नाउन है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि करप्शन राष्ट्रीय आर्थिक आतंक बन गया है और भारतीय लोकतंत्र में संविधान के बावजूद राजनीति में अपराधीकरण का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि कानून का पालन करना सबकी जवाबदेही है। अब वक्त आ गया है कि संसद ये कानून लाए ताकि इस ’कैंसर’ का इलाज हो सके। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने को कहा जा सकता है कि आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे नेताओं को अपने चिह्न पर चुनाव न लड़ने दें।
2014 में चुने गए सांसदों में 186 पर आपराधिक केस
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, 2014 में चुने गए सांसदों में से 186 सांसदों पर आपराधिक केस दर्ज था। इसके लिए एडीआर ने 543 में से 541 सांसदों के एफिडेविट का एनालिसिस किया था। एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया कि 2004 से ऐसे सांसदों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। 2004 में 24 और 2009 में 30 सांसद ऐसे थे जिन पर आपराधिक मामले दर्ज थे।