कोर्ट ने कहा पटाखा इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के रोजगार का क्या होगा? अगर कोर्ट पटाखों के निर्माण पर रोक लगा देती है तो इसके उत्पादन और मार्केटिंग से जुड़े लोग बेरोजगार हो जाएंगे। हम लोगों को तब तक बेरोजगार नहीं रख सकते जबतक कि उन्हें परिवार चलाना पड़ता है।
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
————————-सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि हर कोई पटाखों पर बैन क्यों लगाना चाहता है जबकि सड़क पर दौड़ रहे वाहनों से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है? जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने पाया कि केवल पटाखों को प्रदूषण की वजह मानना सही नहीं है जबकि ऑटोमोबाइल से प्रदूषण का अधिक खतरा है। कोर्ट ने इस बात को भी नोट किया कि ग्रीन पटाखों के निर्माण पर अनिश्चितता की स्थिति के चलते हजारों लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा है। ग्रीन पटाखों के कंपोजिशन और फॉर्मूला अभी तक तय नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा पटाखा इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के रोजगार का क्या होगा? अगर कोर्ट पटाखों के निर्माण पर रोक लगा देती है तो इसके उत्पादन और मार्केटिंग से जुड़े लोग बेरोजगार हो जाएंगे। हम लोगों को तब तक बेरोजगार नहीं रख सकते जबतक कि उन्हें परिवार चलाना पड़ता है। कोर्ट ने कहा कि आखिर आप बेरोजगारी तो पैदा नहीं कर सकते हैं। लोगों को अचानक बेरोजगार नहीं किया जा सकता। इससे निपटने का रास्ता ढूढ़िए। जब तक कि यह कानूनी पेशा है आप लाइसेंस कैसे रद्द कर सकते हैं। लाइसेंस की शर्तों को बदलने के लिए दूसरे रास्ते हो सकते हैं। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में पटाखे जलाने पर बैन लगा दिया था। कोर्ट ने दिवाली और दूसरे त्योहारों पर पटाखे जलाने का वक्त तय कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने पटाखों के निर्माण और इसकी बिक्री को लेकर भी कुछ नियम तय किए थे। कोर्ट ने साफ किया था कि केवल ग्रीन पटाखों का ही निर्माण किया जा सकेगा।