परिजन पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करा जांच सीबीआई जांचकराने पर अडे
सुमित गुर्जर के एनकाउंटर का मामला
बागपत के बिलौनी गांव में हुई महापंचायत ,डीएम ने दिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
- कानून रिव्यू/गौतमबुद्धनगर
–———————————–थाना कासना कोतवाली क्षेत्र में सुमित गुर्जर के एनकाउंटर का मामला पुलिस के गले की हड्डी बनता जा रहा है। पुलिस रिकार्ड में जरूरी अपराधिक रिकार्ड न होना सवालों के घेरे में है। पुलिस के लिए किसी भी बदमाश को एनकाउंटर में मार गिराने के लिए एक से बढ कर एक अपराधिक मामले दर्ज होने के जरूरी होते हैं और फरार घोषित होने के बाद इनाम रखा जाता है। पुलिस इनामी बदमाश को एनकाउंटर में मार गिराती है। किंतु सुमित के मामले पुलिस खुद सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस ने सुमित पर जिस तरह से इनाम घोषित किया और फिर चंद समय में ही ढेर कर दिया पुलिस की कार्यशैली पर खासा सवाल पैदा हो रहा है। यही कारण है कि तीसरे दिन भी 50 हजार के इनामी सुमित गुर्जर परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार नहीं किया। इधर डीएम गौतमबुद्धनगर बी.एन सिंह ने पूरे प्रकरण में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। इधर बागपत में इस मामले में महापंचायत आयोजित की गई है। जिसमे क्षेत्र के लोग एकत्र हुए और एनकाउंटर को फर्जी करार देते हुए पुलिस के खिलाफ रोष व्यक्त किया। सुमित गुर्जर के परिवारिक सूत्रों के मुताबिक जब तक इस मामले में एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता और जांच सीबीआई से नहीं कराई जाती तब तक विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। उनका कहना है सुमीत निर्दोष था। पुलिस ने उसे रातोरात अपराधी बनाकर उस पर 50 हजार का ईनाम घोषित कराया। परिजनों के अनुसार पुलिस ने सुमीत को बिलौनी से बीते 30 सितंबर को बलौनी से उठा लिया था। अपने कस्टडी रखते हुए उसपर पहले 25 हजार फिर रातोंरात 50 हजार का ईनाम करवाया। परिजनों ने पुलिस पर रिश्वत के पैसे भी मांगने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि इस मामले में राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को पहले ही नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट चार हफ्ते में तैयार कर देने को कहा है। इधर राजनैतिक लोगों का सुमित के गांव बिलौनी में आना जाना लगा हुआ है। आज फिर विधायक नंदकिशोर गुर्जर, मेरठ के चेयरमैन , छपरौली के विधायक रविंद्र , रमाला के विधायक सुरेंद्र, पूर्व विधायक वीरपाल राठी , सपा नेता अतुल प्रधान सहित भरी संख्या में नेता विरोध प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठे। इधर देर रात बागपत के डीएम और एसएसपी ने सुमित के परिजनों से मिलकर उन्हें समझने का प्रयास किया। लेकिन परिजन भी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा कायम करने और पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने अपर अड़े रहे। इधर जिला गौतमबुद्धनगर के डीएम बी.एन. सिंह ने एनकाउंटर मामले की जांच मजिस्ट्रेट से करने के आदेश दिए हैं।