—————पुलिस का दावा—————–
मुठभेड़ के दौरान मारे गए बदमाश सुमित की भूमिका सीसीटीवी कैमरे में कैद
- कानून रिव्यू/ग्रेटर नोएडा
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थाना कासना कोतवाली के तहत 3 अक्टूबर 2017 को डबल मर्डर और डकैती के आरोपी सुमित गुर्जर को पुलिस ने मुठभेड के दौरान मार गिराया। मुठभेड़ के लिए मंगलवार यानी 3 अक्टूबर खास दिन बन गया। मंगलवार की रात ही पुलिस ने 19 सितंबर की घटना के बबेंद्र को मार गिराया था और सुमित को भी मंगलवार की रात ही ढेर कर दिया गया। इनमें सुमित गुर्जर पर जिस तरीके से एकाएक इनाम घोषित कर दिए गए डबल मर्डर और डकैती के अलावा कोई अपराधिक रिकार्ड नही मिला है। पुराना रिकार्ड नहीं होने व आनन-फानन में इनाम घोषित होने के कारण पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लग रहे हैं। सवाल उठाया जा रहा है कि पुलिस ने पकड़ने के बाद इनाम घोषित किया और उसके बाद फर्जी एनकाउंटर कर दिया।
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2017 की रात्रि मुठभेड़ के दौरान मारे गए बदमाश सुमित की भूमिका सीसीटीवी कैमरे में कैद है। पुलिस का दावा है कि दो लोगों की हत्या और तीसरे गार्ड पर जानलेवा हमले में सुमित की ही मुख्य भूमिका थी। वारदात के लिए कार लूट में भी वह शामिल था। घायल सिक्यॉरिटी गार्ड ने भी उसका फोटो पहचान लिया है। वहीं गैंग के फरार तीन अन्य बदमाशों पर भी 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मंगलवार रात कासना कोतवाली के एसएचओ जितेंद्र कुमार, नोएडा के सेक्टर-58 के एसएचओ अनिल प्रताप सिंह और एंटी एक्सटॉर्शन सेल के इंचार्ज व बिसरख कोतवाली एसओ अजय शर्मा की टीम ने मुठभेड़ के दौरान 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश सुमित गुर्जर को मार गिराया था। सुमित पर गैंग के 6 अन्य बदमाशों के साथ मिलकर 20 सितंबर की रात डकैती के दौरान दो लोगों की हत्या का आरोप था। पुलिस के अनुसार 2 अक्टूबर को हुई मुठभेड़ के दौरान सुमित भाग निकला था। उस समय एसएसपी ने सुमित व उसके गैंग के तीन अन्य बदमाशों अनिल राणा, सोनू पंडित, और विकास जाटव पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। इससे अगले ही दिन मंगलवार सुबह सुमित पर आईजी रेंज की ओर से 50 हजार रुपये का इनाम घोषित दिया गया। मारे गए बदमाश की कार से पिस्टल, दो मोबाइल फोन और सिक्यॉरिटी गार्ड की लूटी गई राइफल बरामद हो गई है। वहीं फरार अनिल, सोनू और विकास पर भी आईजी रेंज ने 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है।
- सुमित ने डबल मर्डर और डकैती मे बरसाईं थी गोलियां———————————————————————–
पुलिस का दावा है कि भले ही सुमित पर ज्यादा मामले दर्ज न हों लेकिन वह बेहद शातिर बदमाश था। गैंग के साथ वारदात करने के बाद वह तिलपता में रिलेटिव के पास आकर छुपता था। डबल मर्डर और डकैती में सुमित की मुख्य भूमिका थी। उसने जमकर गोलियां बरसाईं थीं। जिंदा बचा सिक्यॉरिटी गार्ड सुमित से ही भिड़ा था और दोनों ने एक-दूसरे के हथियार की नाल पकड़ ली थी। सुमित ने ही सिक्यॉरिटी गार्ड से हथियार लूटने के लिए कहा था। सीसीटीवी में भी वह पुलिस को नजर आया है। उसकी फुटेज पुलिस के पास है। वारदात के दौरान मनोज ने कार ड्राइव की थी।
डकैती का प्लान दो सप्ताह से बना रहे थे
पुलिस का दावा है कि डबल मर्डर और डकैती के लिए आरोपी दो सप्ताह से प्लान बना रहे थे। उन्हें उम्मीद थी कि यहां भारी कैश मिलेगा। वारदात से तीन दिन पहले 17 सितंबर को उन्होंने पिलखुवा से प्लैनिंग के तहत कार लूटी थी। इसी कार से ग्रेनो में वारदात की गई। कार लूट में भी सुमित शामिल था। डकैती से करीब 20 घंटे पहले ग्रेनो वेस्ट में पुलिस ने बदमाश बबेंद्र को मुठभेड़ में मारा था। इन बदमाशों को इस एनकाउंटर के बारे में जानकारी नहीं थी। लिहाजा उन्होंने बेखौफ होकर खेड़ा चौगानपुर के पास दो लोगों की हत्या कर लूटपाट की थी।
- बदमाशों के राज खोजने में मोबाइल मद्द करेगा
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- मारे गए बदमाश के पास से बरामद हुए दो मोबाइल फोन से पुलिस उसके गैंग की कुंडली खंगालने में जुटी है। इसके जरिए पता किया जा रहा है कि उसका नेटवर्क कहां तक फैला था। सूत्रों के अनुसार इनमें कई बदमाशों के नंबर मिले हैं।