कोर्ट ने कहा कि निर्दयता पूर्वक शारीरिक और मानसिक क्रूरता कर दहेज हत्या की गई है। साड़ी पंखे से बंधी न होकर कमरे में नीचे पड़ी थी और पलंग पर बेडशीट और कंबल बिना सलवट के थे। इस तरह साक्ष्य विलोपन किया गया।
पति और सास को आत्महत्या के लिए प्रेरित किए जाने के मामले में दोषी पाया
- कानून रिव्यू/उदयपुर
………………………………………सुसायड मिस्ट्री में पति और सास को 10 साल करावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि जब महिला की साडी पंखे से न बंधी होकर नीचे पडी थी तो फिर कैसे आत्महत्या का मामला हो सकता है। कोर्ट ने पति और सास को आत्महत्या के लिए प्रेरित किए जाने के मामले में दोषी पाया है। दहेज के लिए प्रताड़ना देकर एक विवाहिता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दोषी पाए जाने पर अदालत ने चित्रकूटनगर निवासी मृतका के पति भरतसिंह पुत्र खुमाण सिंह और सास ललिता उर्फ लच्छू कुंवर पत्नी खुमाण सिंह को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वहीं अन्य एक आरोपी पाठों की मगरी निवासी ननंद सुनीता पत्नी राजपाल सिंह को बरी किया है। गौरतलब है कि 21 जनवरी 2013 को बड़ी के समीप लियो का गुड़ा निवासी महेन्द्र पुत्र प्रतापसिंह ने सुखेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बहन हीना ने दहेज प्रताड़ना से 21 जनवरी 2013 को फांसी लगा आत्महत्या कर ली। अतिरिक्त सेशन न्यायालय दुष्यंत दत्त ने आरोपियों को 498 ए के तहत दो वर्ष कठोर कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माना 304 बी में दस वर्ष का कठोर कारावास और 5 हजार जुर्माना और 201 में एक वर्ष का कठोर कारावास और 3 हजार रुपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि निर्दयता पूर्वक शारीरिक और मानसिक क्रूरता कर दहेज हत्या की गई है। साड़ी पंखे से बंधी न होकर कमरे में नीचे पड़ी थी और पलंग पर बेडशीट और कंबल बिना सलवट के थे। इस तरह साक्ष्य विलोपन किया गया।