डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन में हडताल को लेकर फूट
कानून रिव्यू/गौतमबुद्धनगर
——————————- सूरजपुर डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन में हडताल को लेकर फूट पैदा हो गई है। बार सचिव ने एक नई बार कार्यकारणी का गठन कर डाला है। जब कि बार अध्यक्ष ने आम सभा की बैठक बुलाई हैं। बार अध्यक्ष और सचिव के बीच एक खाई उस समय पैदा हुई जब उप संचालक चकबंदी व अपर जिलाधिकारी न्यायिक के न्यायालय का बहिष्कार किए जाने का प्रस्ताव आया है। अध्यक्ष ने न्यायालय के बहिष्कार के प्रस्ताव से यह कह कर पल्ला झाड लिया कि यह प्रस्ताव उनके संज्ञान के बगैर लाया गया है और न्यायालय का बहिष्कार उचित कदम नही है। उधर बार सचिव को अध्यक्ष की यह बात नागवार गुजरी और गुरूवार को एक बैठक में एक नई बार कार्यकारणी का ऐलान कर डाला। सूरजपुर कलक्ट्रेट में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारणी का चुनाव गत 16 मई 2018 को संपन्न हुआ था। जिसमें बार अध्यक्ष विनोद भाटी, सचिव देवेंद्र कुमार रावल की कार्यकारणी चुन कर आई थी। गत 27 जून 2018 को एक प्रस्ताव, जिसमें उप संचालक चकबंदी व अपर जिलाधिकारी न्यायिक के न्यायालय का बहिष्कार विधि विरूद्ध निर्णय तथा अधिवक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार न किए जाने की बात पर पारित किया गया। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद बार एसोसिएशन दो हिस्सो में बंट गई। इनमें एक गुट हडताल के पक्ष में था जब कि दूसरा गुट हडताल न किए जाने के पक्ष था। अर्थात अध्यक्ष हडताल न किए जाने और सचिव हडताल किए जाने के पक्ष में रहे। यह मामला उस समय खासा गर्मा गया जब स्वंय अध्यक्ष विनोद भाटी ने ही प्रस्ताव से पल्ला झाड लिया। विनोद भाटी ने साफ कर दिया कि उप संचालक चकबंदी व अपर जिलाधिकारी न्यायिक के न्यायालय के बहिष्कार के प्रस्ताव की बात उनके संज्ञान में लाई ही नही गई तो फिर हडताल की बात का कोई तुक नही है। अध्यक्ष विनोद भाटी की यह बात सचिव देवेंद्र कुमार रावल को नागवार गुजरी। दूसरे दिन यानी गुरूवार 28 जून 2018 को एक बैठक बुला कर सचिव देवेंद्र कुमार रावल ने दूसरी बार कार्यकारणी का गठन कर डाला। इस नई बार कार्यकारणी में पूर्व में अध्यक्ष रहे राजकुमार नागर एडवोकेट को बार अध्यक्ष, स्वंय देवेंद्र कुमार रावल एडवोकेट सचिव तथा हेमंत कुमार शर्मा एडवोकेट का उपाध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया।
जुदा जुदा राय
न्यायालय में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नही किया जाएगाः देवेंद्र कुमार रावल एडवोकेट सचिव
उप संचालक चकबंदी व अपर जिलाधिकारी न्यायिक के न्यायालय में भ्रष्टाचार की वजह से सही निणर्य नही हो पा रहे हैं। इस बात को पहले भी उठाया गया था, किंतु कोई भी बदलाव न आने की वजह से अध्यक्ष रहे विनोद भाटी की सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया किंतु उन्होंने कुछ लोगों के दवाब में प्रस्ताव से इंकार कर दिया यह कृत्य न तो बार हित में और न ही अधिवक्ताहित में है इसलिए दूसरी बार का गठन किया गया है।
दूसरी बार का गठन करने के लिए सचिव को नोटिस जारी किया जाएगाः विनोद भाटी अध्यक्ष
सचिव देवेंद्र कुमार रावल ने जो न्यायालय के बहिष्कार का प्रस्ताव किया था उसकी उन्हें कोई जानकारी नही थी और यही कारण है कि बाद में उन्होंने यह साफ भी कर दिया कि इस तरह का प्रस्ताव उनकी सहमति से नही लाया गया है। सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सचिव द्वारा जो दूसरी बार का गठन किया गया है यह बात आम सभा की बैठक में रख दी गई है, सचिव को नोटिस जारी कर उनका पक्ष जाना जाएगा।