द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश गौतमबुद्धनगर ने पति, सास पूर्व नौकरशाह और ससुर पूर्व नौकरशाह को दहेज हत्या का दोषी माना
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय इंद्रप्रीत सिंह जोश ने दहेज हत्या के मामले में पति, सास और ससुर को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायालय द्वितीय गौतमबुद्धनगर ने पति को 10 साल और सास तथा ससुर को 7-7 साल सश्रम करावास से दंडित किया है। इसके साथ ही न्यायालय ने पति को 50 हजार और फिर 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न किए जाने पर अतिरिक्त सश्रम कारावास भी भोगना होगा। जब कि सास और ससुर को भी 50-50 हजार और फिर 10-10 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अर्थदंड अदा न किए जाने पर इन दोनों को भी अतिरिक्त सश्रम कारावास भोगना पडेगा।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक गौतमबुद्धनगर धमेंद्र जयंत ने बताया कि सेजल जैन पुत्री पवन कुमार जैन का विवाह दिनांक 06-05-2013 को अनुराग जैन निवासी सी-193 पॉकेट 7 केंद्रीय विहार-2, सेक्टर-82 नोएडा के साथ संपन्न हुआ था। सेजल जैन के पिता पवन कुमार जैन के पास दिनांक 06-02-2014 को उनके समधी स्वंतत्र कुमार जैन का फोन आया कि सेजल गिर गई है आप नोएडा आ जाओ। जब लडकी के पिता पवन कुमार जैन ने नोएडा यथार्थ अस्पताल में आकर देखा तो उन्हें पता चला कि उनकी बेटी सेजल जैन खून से लथपथ मृत अवस्था में पडी हुई है। जब पीडित पिता पवन कुमार जैन को इस बात का पक्का यकीन हो गया कि उनकी बेटी की हत्या पति अनुराग जैन, ससुर स्वतंत्र कुमार जैन और सास कमला जैन ने पूर्वनियोजित तरीके से दहेज के लालच में की है तो पुलिस को घटना की सूचना दी गई। तहरीर के आधार पर थाना फेस-2 नोएडा की पुलिस ने अपराध संख्या 57/14 अंतर्गत धारा-304 बी,498ए, 316 भा0द0स0 व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम पंजीकृत किया गया। अभियुक्तगण अनुराग जैन, स्वतंत्रत कुमार जैन तथा श्रीमती कमला जैन को अपराध संख्या 57/14 अंतर्गत धारा-304 बी,498ए, 316 भा0द0स0 व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के प्रकरण में विचारण हेतु विद्वान मुख्य न्यायिक मजि0 गौतमबुद्धनगर द्वारा पारित आदेश दिनांकित 15-11-2014 से सत्र न्यायालय उपार्पित किया गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले की पैरवी करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दाण्डिक गौतमबुद्धनगर धमेंद्र जयंत ने दलील देते हुए कहा कि सेजल जैन की मृत्यु उसकी शादी के 7 वर्ष के अंदर मात्र 9 माह की समयावधि में अभियुक्तगण यानी पति अनुराग जैन के घर में हुई है। अभियुक्तगण द्वारा निरंतर मृतका के परिवारजन से दहेज के रूप में जे0पी0 ग्रीन का फ्लैट तथा 20 लाख रूपये की मांग की जाती रही। मृतका दहेज की मांग और प्रताडना के संबंध में मायके वालों को लागातार जानकारी देती रही, किंतु अभियुक्तगण के आचारण में सुधार की उम्मीद में तथा मृतका के पारिवारिक जीवन को बचाने के कारण घटना से पूर्व कोई परिवाद अथवा अभियोग पंजीकृत नही कराया। जैसा कि अभियुक्तगणों की ओर से कहा जा रहा है कि मृतका को चक्कर आने की बीमारी थी, ऐसा बिल्कुल नही था। मृतका को किसी भी तरह की कोई बीमारी नही थी। बल्कि मृत्यु से पूर्व मृतका को अतिरिक्त दहेज की मांग के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडित किया गया था। यह बात मृतका की ओर से अपने माता पिता को घटना से पूर्व बताई भी गई थी। साथ ही घटना का दिनांक और समय अभियुक्तगणों को स्वीकार है। अतिरिक्त दहेज के रूप जे0पी0 ग्रीन का फ्लैट तथा एक प्लाट व नकद धनराशि मांगे जाने तथा उसके लिए मृतका को प्रताडित किया जाना अभियोजन द्वारा पूर्ण रूप से साबित किया गया है। अतः अभियुक्तगण को आरोपित अपराध हेतु दोष सिद्ध किया जावे। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी दलीलों में कहा कि अनुराग जैन की मृतका सेजल जैन के साथ दिनांक 06-05-2013 को बगैर दान दहेज के साथ और दोनो परिवारों की रजामंदी से शादी हुई थी। सेजल जैन को विवाह से पूर्व कार एक्सीडेंट की बजह से चक्कर आनी की बीमारी थी। यह बात उस समय पता चली जब सेजल जैन को प्रीगेंसी के दौरान दिक्कत हुई। चिकित्सों की सलाह पर सेजल जैन को चक्कर आनी की दवाई और इंजेक्शन दिए गए। अभियुक्तगण अनुराग जैन के परिवार ने कभी किसी भी रूपये पैसे या फिर किसी फ्लैट तथा प्लाट व नकद धनराशि मांग नही की। बल्कि उल्टा सेजल जैन की सभी जरूरतों और शोकां को पूरा किया जाता रहा। सेजल जैन को कई महंगे उपहार दिलवाए और उनके माता पिता तक को टूर कराए। घटना के समय सेजल जैन के गिरने की आवाज हुई तो पति अनुराग जैन तुंरत बाहर आया और अपने माता पिता को जगाया। तब उसे यथार्थ अस्पताल ले गए और तमाम कोशिशों के बाद भी जब सेजल जैन बच नही पाई तो स्वयं अनुराग जैन के पिता स्वतंत्र कुमार जैन ने मायके वालों को सूचना दी। सेजल जैन का अंतिम संस्कार करने के बाद सभी लोग घर आ गए और बाद में उल्टे अभियुक्तगणों से 10 लाख रूपये और सारे सामान की मांग की गई। जब 10 लाख रूपये और सारा सामान नही दिया गया तो पुलिस से सांठ गांठ कर अभियुक्तगण को पुलिस स्टेशन में उठवा लिया गया। साथ ही सारा सामान थाने में मंगवा लिया गया।
इस मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश गौतमबुद्धनगर इंद्रप्रीत सिंह जोश ने उभय पक्षों के तर्को को सुना और सबूत तथा गवाहों के परीक्षण के बाद अभियुक्तगण पति अनुराग जैन, सास श्रीमती कमला जैन और ससुर स्वतंत्र कुमार जैन को दोषी करार दिया है। इनमें स्वतंत्र कुमार जैन और श्रीमती जैन पूर्व नौकरशाह हैं। न्यायालय अपर सत्र द्वितीय गौतमबुद्धनगर ने दोष सिद्ध अभियुक्त अनुराग जैन को अपराध अंतर्गत धारा 304बी भारतीय दंड संहिता में 10 वर्ष के सश्रम करावास के दंड से, धारा 498ए भारतीय दंड संहिता में 3 वर्ष के सश्रम करावास से तथा 50 हजार रूपये अर्थदंड से और अर्थदंड अदा न किए जाने पर 4 माह के अतिरिक्त करावास से एवं धारा 04 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 2 वर्ष के सश्रम करावास तथा 10 हजार रूपये अर्थदंड से और अर्थदंड अदा न किए जाने पर 1 माह के अतिरिक्त कारावास के दंड से दंडित किए जाने का आदेश दिया है। वहीं दोष सिद्ध अभियुक्तगण स्वतंत्र कुमार जैन तथा श्रीमती कमला जैन को अपराध अंतर्गत धारा 304बी भारतीय दंड संहिता में 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास के दंड से, धारा-498ए भारतीय दंड संहिता में 3-3 वर्ष के सश्रम कारावास से तथा 50-50 हजार रूपये अर्थदंड से, अर्थदंड अदा न किए जाने पर 4-4 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास और धारा 04 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 2-2 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 10-10 हजार रूपये अर्थदंड से और अर्थदंड अदा न किए जाने पर 1-1 माह के अतिरिक्त सश्रम करावास के दंड से दंडित किए जाने का आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय की ओर से प्रावधान किया गया है कि अभियुक्तगण की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और पूर्व में करागार में व्यतीत की गई अवधि इस दंड में धारा 428 दंड प्रक्रिया संहिता के अधीन समायोजित की जाएगी।