नए कंज्यूमर बिल-2019 में ग्राहकों को बिना वकील के लड़ने का अधिकार
कानून रिव्यू/नई दिल्ली
कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2019 को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब सरकार इसे लागू करने की तैयारी कर रही है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2019 संसद के दोनों सदनों में पास होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिल जाने के बाद एक्ट बन गया है। कंज्यूमर अफेयर सचिव अविनाश श्रीवास्तव का कहना है कि अगस्त महीने के आखिर तक नियम बनाने का काम करेंगे। 3 महीने में सारे रूल्स तैयार हो जाएंगे। नए बिल में ग्राहकों को बिना वकील के लड़ने का अधिकार मिला है। कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी को कई अधिकार दिए गए हैं। इससे ग्राहकों की परेशानियां दूर होंगी। सीसीपीए में इन्वेस्टिगेशन विंग भी होगा। सीसीपीए में से सरकार कंपनियों पर कार्रवाई करेगी। इन्वेस्टिगेशन विंग का हेड डीजी होगा, जबकि एडिशनल डीजी समेत कई अधिकारी इस विंग में शामिल होंगे। सीसीपीए स्वतः संज्ञान ले सकता है। सीसीपीए भ्रामक प्रचार पर रोक के लिए भी काम करेगा। साथ ही अब जिले में 1 करोड़ रुपये तक की शिकायत और राज्य स्तर पर 10 करोड़ रुपये की शिकायत कर सकते हैं। पहले वकील रखना पड़ता था, अब बिना वकील के आप केस लड़ सकते हैं। अब विज्ञापनों में झूठे वादे करने या गलत जानकारी देने पर कंपनियां, सर्विस प्रोवाइडर्स और उस विज्ञापन को एंडोर्स करने वाले सेलेब्रिटीज को भी सजा हो सकती है। इन चीजों का दोषी पाए जाने पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। इस बिल में प्रावधान रखा गया है कि कोई भी विज्ञापन चाहे वो. प्रिंट, रेडियो, टेलीविजन, आउटडोर, ई.कॉमर्स, डायरेक्ट सेलिंग या टेलीमार्केटिंग किसी भी माध्यम से किया जा रहा हो, अगर इसमें गलत जानकारी दी जाएगी तो ये अपराध की श्रेणी में आएगा। इस बिल में ऐसे विज्ञापन या मिसलीडिंग ऐड्स को ऐसे परिभाषित किया गया है, जिसमें किसी भी प्रेडक्ट या सर्विस की झूठी जानकारी देना, झूठी गारंटी देना, कंज्यूमर्स को प्रोडक्ट के नेचर, सब्सटेंस, क्वांटिटी या क्वालिटी को लेकर फुसलाना या जानबूझकर सर्विस प्रोवाइडर या मैन्युफैक्चरर की ओर से कोई जानकारी छुपाई जाए। इस बिल के तहत दिल्ली में सरकार की ओर से नियुक्त किए गए एक चीफ कमिश्नर की अध्यक्षता में एक सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। जो उपभोक्ता के अधिकारों के हनन, विज्ञापन के अनैतिक तरीके या गलत दावे करने वाले मिसलीडिंग ऐड्स को रेगुलेट करेगी। इस बिल के प्रावधान के मुताबिक सर्विस प्रोवाइडर्स को 10 लाख रुपये के जुर्माने के साथ अधिकतम 2 साल की जेल की सजा हो सकती है। वहीं सेलेब्रिटीज को 10 लाख रुपये का जुर्माना झेलना पड़ सकता है। वहीं बार.बार ये गलती करने पर अथॉरिटी उन पर 50 लाख रुपये के जुर्माने के साथ.साथ 5 साल तक जेल की सजा दे सकती है। इतना ही नहीं, अथॉरिटी किसी सेलेब्रिटी के विज्ञापन एंडोर्स करने पर एक साल तक की रोक भी लगा सकती है। वहीं बार.बार यह गलती करने पर यह रोक तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है।