उपभोक्ता अधिकार संगठन ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2017 पारित किए जाने की मांग
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- कानून रिव्यू/नई दिल्ली
—————————-सडक हादसों में लोग काल के गाल में समा जाते हैं। जिस तरह से सडकों का जाल बढता ही जा रहा है और वाहनों की तादाद भी उसी प्रकार सडको पर बढ रही है। यही कारण है सडक हादसों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। तेजी से बढ रहे सडक हादसों को रोकने के लिए अब कानून में बदलाव की मांग की जा रही है। सरकार ने भी इस दिशा मे अब नया कानून लाने की तैयारी शुरू कर दी है। देश में बड़े पैमाने पर होने वाले सड़क हादसों और उनमें होने वाली मौतों पर रोक लगाने के मकसद से एक उपभोक्ता अधिकार संगठन ने सरकार से संसद के शीतकालीन सत्र में एक नया मोटर वाहन कानून बनाने की मांग की है। रिपोर्ट के अनुसार 2016 में भारत में चार लाख 80 हजार 652 सड़क हादसे हुए जिनमें से एक लाख 50 हजार 785 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि चार लाख 94 हजार 624 लोगों घायल हो गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए एक ज्ञापन में उपभोक्ता अधिकार संगठन कंज्यूमर वाइस ने कहा है कि सड़क हादसों में हर रोज होने वाली 413 मौतों को रोकने के लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार को मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2017 पारित करना चाहिए। संगठन के मुख्य संचालन अधिकारी अशीम सान्याल ने यहां संवाददाताओं को बताया, एक बार राज्यसभा में यह विधेयक पारित हो जाता है तो यह एक नया और कड़ा कानून सुनिश्चित करेगा जो हर साल सड़क हादसों में समाप्त होने वाले बहुमूल्य मानव जीवन को बचाएगा। वैश्विक सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ डेव क्लिफ ने कहा कि यदि सरकार नया कानून लेकर आती है तो भारत 2020 तक सड़क हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या में 50 फीसदी की कमी के लक्ष्य को पूरा कर सकता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की पिछले माह जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 में भारत में चार लाख 80 हजार 652 सड़क हादसे हुए। इनमें एक लाख 50 हजार 785 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि चार लाख 94 हजार 624 लोगों घायल हो गए थे। इसमें कहा गया है कि हर रोज 1317 सड़क हादसे होते हैं जिसमें 413 लोगों की मौत हो जाती है। लोकसभा ने पिछले सत्र में मोटरवाहन (संशोधन ) विधेयक 2017 पारित कर दिया है ।