प्रमुख गृह सचिव दीपक उप्रेती व्यक्तिगत रूप से राजस्थान हाईकोर्ट में पेश हुए
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कानून रिव्यू/जोधपुर
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हाईकोर्ट ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है। जोधपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर तलब किए गए गृह विभाग के प्रमुख सचिव दीपक उप्रेती व्यक्तिगत रूप से राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोविंद माथुर व अरुण भंसाली की खंडपीठ के समक्ष पेश हुए। उप्रेती ने कोर्ट को दिए स्पष्टीकरण में माना कि मार्च के बाद फायरिंग की घटनाएं व कानून व्यवस्था बिगड़ी है, यह अच्छा नहीं है, इससे लोगों में भय का माहौल उत्पन्न हुआ है। लोगों में प्रशासन के प्रति वापस विश्वास लाने के लिए सरकार के स्तर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने सरकार द्वारा शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म बनाए प्लान की भी जानकारी दी। कोर्ट ने प्रमुख गृह सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार जल्द ही शॉर्ट टर्म प्लान बनाए और जो बदमाश अपनी आपराधिक गतिविधियों के जरिए जनता का विश्वास तोड़ रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।———-
- – याचिकाकर्ता महेंद्र लोढ़ा की ओर से अधिवक्ता अशोक छंगाणी द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गृह प्रमुख सचिव उप्रेती से पूछा कि शहर की कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, कभी फोन करके भी पूछा है कि जिले में क्या हो रहा है? इन सबको रोकने के लिए अपने स्तर पर क्या कदम उठाए गए हैं? कोर्ट पहले दिन से कह रहा है कि कानून व्यवस्था बिगड़ रही है और आमजन में भय है। यहां के लोगों ने कभी गैंग के नाम नहीं सुने थे। एक गैंग, दो गैंग हर तरफ गैंग बन गई है। वे रजिस्टर्ड कंपनी की तरह पेश आ रही हैं।
- – कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि यहां कभी रंगदारी का नाम सुनने को नहीं मिला। यह सब बिहार के लिए हमने सुना था। पश्चिमी राजस्थान में कहीं ऐसी स्थिति नहीं थी। रंगदारी वसूलने वाले गुंडे पुलिस का काम कर रहे हैं, रंगदारी लेकर सिक्योरिटी उपलब्ध करा रहे हैं। यह स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं करते हो?
- – जवाब में गृह विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा कि कई बार ये अपराधी टेक्नोलॉजी में एक कदम आगे होते हैं। इस पर जस्टिस माथुर ने कहा कि यह बात हम नहीं मानते हैं। सरकार इतनी शक्तिशाली होती है, कोई उससे प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता है। अपने आपको हेल्पलेस कैसे कह सकते हो?
कोर्ट ने हर तरह की वारदातें बताई, गृहसचिव स्वीकारते गए
- – कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि शहर के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। जयपुर हाइवे या बीकानेर हाइवे रोड हो, कहीं भी कोई चाय पीने के लिए खड़े हो जाएं तो पैसे वसूलने के लिए आ धमकते हैं। सरकार कुछ नहीं कर पाएगी तो लोगों को कुछ करना पड़ेगा, जो कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कतई ठीक नहीं है और इसे आने भी नहीं देना चाहिए।
- – कोर्ट ने यह भी कहा कि इन घटनाओं के लिए कोई तो जिम्मेदार होगा। जिम्मेदारी तय करके उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। संगठित अपराध व फायरिंग की घटनाओं को रोकने के लिए यथासंभव सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए। प्रतिदिन चेन स्नैचिंग की घटनाएं हो रही हैं। बाइकर्स रात में न्यूसेंस करते हैं। ऐसी घटनाएं आम हो गई है।
- – गृह प्रमुख सचिव उप्रेती ने भी इसे स्वीकार करते हुए कहा कि ये घटनाएं जयपुर में भी हो रही हैं। इसे रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने नफरी की कमी भी बताई।
प्रभावशाली पेट्रोलिंग व थानों में पब्लिक फ्रेंडली माहौल पर जोर
- – गृह प्रमुख सचिव ने कोर्ट को बताया कि शांति व सौहार्दपूर्ण स्थिति और कानून व्यवस्था को प्रभावी करने के लिए समूचे क्षेत्र में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली पेट्रोलिंग को बढ़ाने के लिए निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
- – सिक्योरिटी बैरियर के साथ-साथ पुलिस थानों में पब्लिक फ्रेंडली माहौल बनाया जाएगा। उप्रेती ने इस बात के लिए भी कोर्ट को आश्वस्त किया कि कानून व्यवस्था की बिगड़ी हुई दशा को सुधारने के लिए जिला प्रशासन को हरसंभव मदद दी जाएगी।
25 करोड़ से कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनेगा, 24 घंटे संचालित होगा
- गृह प्रमुख सचिव उप्रेती ने कहा कि लॉन्ग टर्म प्लान के तहत जोधपुर में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। इस पर 25 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह सेंटर 24 घंटे संचालित होगा। जयपुर और कोटा में ऐसे सेंटर शुरू किए जा चुके हैं। शहर के विभिन्न जगहों पर 800 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
‘आम आदमी का विश्वास तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें’
- – याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने कोर्ट से कहा कि अफसरों ने आश्वासन तो पहले भी दिए, लेकिन फिर भी हालात नहीं सुधरे। रात को शहर की मुख्य सड़कों व चौराहों पर बाइकर्स के आतंक पर भी कोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया। कोर्ट ने कहा कि शहर में संगठित आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कदम उठाएं।
- – कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि सरकार जल्द ही शॉर्ट टर्म प्लान बना अपराधों से जनता का विश्वास तोड़ने वाले बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा। अगली सुनवाई 3 अक्टूबर मुकर्रर करअफसरों को उपस्थित होने से छूट देते हुए प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
कवरेज पर प्रतिबंध लगाने से इनकार
- सुनवाई के दौरान मीडिया कवरेज पर आपत्ति जताई गई और उस पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। कोर्ट ने इंकार करते हुए कहा कि पहले आप अपनी ड्यूटी ठीक ढंग से कर लेते तो ये हालात नहीं होते। आमजन के लिए क्या कर रहे हो? इसके बारे में बताओ। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई के अंत में मीडिया के लिए भी सनसनी से दूर रहने की नसीहत दी।
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