कानून रिव्यू/ इलाहाबाद
कोरोना वायरस महामारी में लाॅकडाउन की तीसरा चरण शुरू हो गया है। इस लाॅकडाउन के तीसरे चरण मंें कुछ पांबदियों को ध्यान में रखते हुए छूट दी गई हैं। यूपी में सरकारी कार्यालय भी खोले जा रहे हैं। इधर अब हाईकोर्ट इलाहाबाद ने भी फैसला लिया है कि खुली अदालत में सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 8 मई से खुली अदालत में सुनवाई होगी। प्रयागराज स्थित प्रधान पीठ और लखनऊ बेंच में दो शिफ्टों में अदालतें बैठेंगी। यह निर्णय चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में हुई हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की प्रशासनिक समिति की टेलीफोनिक बैठक में लिया गया है। महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव के अनुसार 8 मई से प्रधान पीठ व लखनऊ बेंच में सुबह साढ़े 10 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक पहली शिफ्ट में क्रिमिनल मामलों की सुनवाई खुली अदालत में होगी। एक घंटे के अंतराल के बाद अपराह्न डेढ़ बजे से साढ़े तीन बजे तक दूसरी शिफ्ट में सिविल मामले खुली अदालत में सुने जाएंगे। यह ट्रायल के तौर पर शुरू किया जा रहा है। जिसमें सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य रहेगा। जिन वकीलों के मुकदमे लगे होंगे, उन्हें सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए अदालतों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। नए मुकदमे ऑनलाइन और मैनुअली कार्यालय में दाखिल किए जा सकेंगे और दाखिल होने वाले प्रत्येक मुकदमे की सुनवाई होगी। यानी अब अतिआवश्यक सुनवाई की अर्जी देने की जरूरत नहीं होगी। कोरोना वायरस के प्रकोप व देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वर्तमान में हाईकोर्ट में अतिआवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की जा रही थी। अधिवक्ताओं एवं उनके संगठनों के दबाव के चलते खुली अदालत में सुनवाई कर न्याय देने की स्थापित परंपराओं का पालन करने का निर्णय लिया गया है।