डीएम ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के शव का रात में अंतिम संस्कार कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर किया और ऐसा करने के लिए शासन का कोई दबाव नहीं था
सीबीआई की रिपोर्ट गोपनीय, यूपी से बाहर मामला ट्रांसफर और परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाएः पीडित परिवार की मांग
कानून रिव्यू/ लखनऊ
हाथरस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए 2 नवंबर की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की। इस दौरान पीड़ित परिवार कोर्ट में मौजूद रहा। इसके अलावा गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के साथ.साथ हाथरस के डीएम और एसपी भी कोर्ट में उपस्थित हुए। पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा ने मांग की कि सीबीआई की रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाए। हमारी दूसरी मांग थी कि मामला यूपी से बाहर ट्रांसफर किया जाए और तीसरी मांग यह है कि मामला जब तक पूरी तरह से खत्म नहीं होता तब तक परिवार को सुरक्षा प्रदान किया जाए। हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने कोर्ट से कहा कि कथित बलात्कार पीड़िता के शव का रात में अंतिम संस्कार करने का फैसला कानून और व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर किया गया था और ऐसा करने के लिए जिला प्रशासन पर प्रदेश शासन का कोई दबाव नहीं था। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख दो नवंबर नियत की। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता वीके साही अदालत में मौजूद रहे। इससे पहले हाथरस मामले में जान गंवाने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की के माता.पिता समेत पांच परिजन कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार सुबह छह बजे हाथरस से लखनऊ रवाना हुए और दोपहर बाद अदालत परिसर पहुंचे। गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र में 19 साल की एक दलित लड़की से अगड़ी जाति के चार युवकों ने कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। इस घटना के बाद हालत खराब होने पर उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गत 1 अक्टूबर को हाथरस कांड का स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक, डीएम और एसपी हाथरस को घटना के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए आज 12 अक्टूबर को अदालत में तलब किया था।