

नोएडा पुलिस की अपराध शाखा ने होमगार्ड विभाग के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया



मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर में होमगार्ड ड्यूटी घोटाला प्रकाश में आया है। यहां होमगार्ड्स को ड्यूटी आवंटित करने और भुगतान करने में भारी गोलमान किया जाता रहा है। जिला होमगार्ड कमांडेंट कार्यालय में लगी में घोटाले से कई महत्वपूर्ण फाइलें जल कर राख चुकी हैं। शुरुआती छानबीन में पता चला है कि साजिश के तहत सबूत मिटाने के लिए आग लगाई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। अग्निकांड की जांच फोरेंसिक टीम ने की है। मौके से नमूने उठाए गए हैं। पूरे मामले की जांच विशेष जांच दल यानी एसआईटी करेगी। इस होमगार्ड ड्यूटी घोटाले की जांच नोएडा के एसपी सिटी विनीत जायसवाल जुलाई से कर रहे है,ए लेकिन उन्होंने सारी पत्रावलियों को कब्जे में नहीं लिया। एसपी सिटी जैसे.जैसे जांच कर रहे थे, उसके लिए जरूरी फाइलें होमगार्ड कमांडेंट के कार्यालय से ले रहे थे। अगर शुरुआत में ही सारी फाइलें जब्त कर ली जातीं तो यह नौबत नहीं आती। इसका फायदा घोटालेबाज उठाने में कामयाब रहे और गत 18 नवंबर-2019 की रात होमगार्ड कमांडेंट दफ्तर में ब्लॉक ऑर्गेनाइजर कक्ष का ताला तोड़कर दस्तावेजों में आग लगा दी गई। सूत्रों की मानें तो रात करीब दो बजे होमगार्ड कार्यालय के एक कमरे में रहने वाला सुरक्षा गार्ड अनिल कुमार जगा हुआ था। लेकिन बाहर से उसके कमरे का दरवाजा बंद था। आशंका है कि आग लगाने वालों ने उसके कक्ष की बाहर से कुंडी लगा दी। दूसरे दिन 19 नवंबर-2019 की सुबह पुलिस को सूचना मिली कि होमगार्ड कमांडेंट के कार्यालय में रखे एक बॉक्स में आग लगी है। सूचना मिलने पर दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे। तब तक आग में होमगार्ड वेतन घोटाले से संबंधित अधिकांश दस्तावेज जल चुके थे। सूचना पर पहुंचे अफसरों ने पड़ताल की। इसमें पता चला कि आरोपियों ने मुख्य द्वार फांदकर दफ्तर में प्रवेश किया। इसके बाद दफ्तर का ताला तोड़ा और भीतर रखी अलमारी का ताला तोड़ा और उसके बाद आग लगा दी। यह घोटाला एक होमगार्ड की शिकायत पर सामने आया था। होमगार्ड ने जुलाई माह में होमगार्ड ने एसएसपी को फर्जीवाड़े की शिकायत दी थी। एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी विनीत जायसवाल को सौंपी थी। इसमें शुरुआती जांच के दौरान मस्टररोल में गड़बड़ियां मिली थीं। 50 प्रतिशत से ज्यादा फर्जी ड्यूटी पकड़ी गईं जिसमें अब तक सात लाख रुपये से ज्यादा का फर्जी भुगतान सामने आ चुका है। होमगार्ड्स की ड्यूटी लगाने में बड़ी धांधली चल रही है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक ही कार्यालय और थाने में होमगार्ड्स लंबे अरसे से जमे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे होमगार्ड्स हैं, जो 5-5 वर्षों से एक ही जगह तैनात हैं। इस घोटाले के अहम दस्तावेज जलने की घटना की जांच के लिए गुजरात से फॉरेंसिक विभाग की दो सदस्यीय टीम ग्रेटर नोएडा पहुंच चुकी है। यह टीम जिला कमांडेंट होमगार्ड के कार्यालय में हुई आगजनी की घटना की जांच कर रही है। होमगार्ड कार्यालय में जिस बक्से में आग लगी है, उसमें वर्ष 2014 से अब तक के होमगार्डों के ड्यूटी के मस्टररोल व भुगतान के दस्तावेज थे। करोड़ों रुपये के इस घोटाले में नोएडा पुलिस की अपराध शाखा ने होमगार्ड विभाग के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि ऐसा पता चला था कि ड्यूटी से नदारद रहने वाले होमगार्डों की फर्जी तरीके से हाजिरी लगाकर होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उनके स्तर से एक जांच कराई गई थी। जांच की रिपोर्ट दो माह पूर्व शासन को भेजी गई थी। शासन ने भी इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में 13 नवंबर-2019 को थाना सूरजपुर में होमगार्ड विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की जांच पुलिस कर रही थी। इसी बीच 18 नवंबर-2019 की रात को जिला होमगार्ड कमांडेंट के कार्यालय में आग लग गई जिससे उक्त घोटाले से संबंधित दस्तावेज नष्ट हो गए। एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने वर्तमान संभागीय कमांडेंट एचजी राम नारायण चौरसिया, असिस्टेंट कंपनी कमांडर सतीश, प्लाटून कमांडर मोंटू तथा सतवीर और शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला है कि ये लोग ड्यूटी से गैरहाजिर रहने वाले होमगार्डों के मस्टररोल में हेरफेर कर उनका पूरा वेतन बैंक से निकाल लेते थे।
फर्जी मस्टररोल के सहारे बैंक से होमगार्डों का वेतन निकाल लेते थे, घोटालेबाज

थानों के जीडी के हिसाब से जितने दिन होमगार्डों की तैनाती होती थी, उतने दिन की हाजिरी थाना प्रभारी द्वारा मस्टररोल में प्रमाणित करके दी जाती थी। उसके बाद ये लोग वास्तविक मस्टररोल को फाड़ देते थे तथा थाना प्रभारियों की फर्जी मोहर और हस्ताक्षर के माध्यम से फर्जी मस्टररोल बनाते थे। उसके आधार पर जिला कमांडेंट बैंक से होमगार्डों का वेतन ले लेता था। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि जांच के दौरान यह बात संज्ञान में आई है कि फर्जी तरीके से निकाले गए होमगार्डों के वेतन का एक बड़ा हिस्सा अधिकारी रख लेते थे तथा कुछ हिस्सा उन होमगार्डों को भी दिया जाता था, जिनकी फर्जी उपस्थिति दिखाकर पैसा निकाला जाता था।
घोटाले के तार उपर तक जुडे?


यह होमगार्ड ड्यूटी घोटाला करोड़ों रुपये का है। इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। इस मामले में और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इनके पास से कुछ फर्जी दस्तावेज और मोहर आदि बरामद हुई हैं। इस मामले ने पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। चर्चा तो यहां तक भी है कि एसएसपी की रिपोर्ट के बाद भी डीजी होमगार्ड की ओर से इस मामले को दो महीने तक दबाए रखा गया और जांच कमेटी कमेटी बनाकर इस मामले को रफा.दफा करने का प्रयास भी किया। चर्चा है कि इस बीच दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ की गई तथा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया। इसी से अदांजा लगाया जा सकता है कि होमगार्ड ड्यूटी घोटाले के तार काफी उपर तक भी जुडे हुए हैं यदि मामले की जांच में सब कुछ साफ हो जाता है तो विभाग के कई बडे अधिकारियों की गर्दन भी फंस सकती है।