2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला फैसले से नेताओं के चेहरे खिले
———————————————————————–मौहम्मद इल्यास-दनकौरी/नई दिल्ली
————————————–2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फैसला आ चुका है और इसमें फंसे ए- राजा और कनीमोझी समेत सभी आरोपियों के बरी हो जाने से उनके चेहरे खिल चुके हैं। जब कि सत्तारूढ भाजपा कह रही है कि कोर्ट से बरी हो जाने से यह नही माना जा सकता है कि सभी आरोपी दूध के धुले हुए हैं। किंतु यह भी जरूरी है कि देश की जनता यह जानना चाहती है कि क्या वाकई 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ भी था या फिर यह कोई राजनीतिक साजिश का एक हिस्सा था। यदि घोटाला हुआ था तो फिर 1.76 लाख करोड रूपये कहां चले गए। कोर्ट तो अपना फैसला दे चुका है मगर देश की जनता को पाई पाई का हिसाब जानने का पूरा हक है। कोर्ट ने सबूतों के आधार पर सभी आरोपियों को बरी किया है। मगर यह पता चलना चाहिए कि जनता की गढी कमाई का एक बडा हिस्सा 1.76 लाख करोड रूपये आखिर कहां गए हैं।
गौरतलब है कि1.76 लाख करोड़ रुपये के 2जी घोटाले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। जज ओपी सैनी की सीबीआई की विशेष अदालत ने मनमोहन सिंह सरकार के समय स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए घोटाले पर निर्णय दिया। इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए- राजा और द्रमुक सांसद कनीमोझी के अलावा अन्य को आरोपी बनाया गया था। आरोपियों के खिलाफ सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी मामला दर्ज किया था। सीबीआई की चार्जशीट पर विशेष अदालत ने वर्ष 2011 में मामले के 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। सीबीआई और ईडी ने आरोपियों के खिलाफ कई आरोप लगाए। विशेष अदालत ने राजा और कनीमोझी के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून ’पीएमएलए’ के तहत आरोप तय किए गए थे। इन पर आपराधिक षडयंत्र रचने, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने, पद का दुरुपयोग करने और घूस लेने जैसे आरोप लगाए गए थे। सीबीआई ने 2जी घोटाला मामले में अप्रैल 2011 में आरोप पत्र दाखिल किया था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि स्पेक्ट्रम के लिए 122 लाइसेंस जारी करने में गड़बड़ी के कारण 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2012 को लाइसेंस को रद्द कर दिया था।
कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर
————————– 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सभी आरोपियों के बरी किए जाने के बाद पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा है कि मेरे खिलाफ जो प्रोपेगैंडा फैलाया गया था आज उसका जवाब मिला है। उधर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस कोर्ट के फैसले को प्रशस्ति पत्र न समझे। कोर्ट के फैसले पर जांच एजेंसी गौर करेगी। सही तरीके से स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट होता तो सरकार को ज्यादा फायदा होता। नियम बदलकर पहले आओ पहले पाओ पॉलिसी अपनाई गई। हमने नीलामी की तो ज्यादा पैसा मिला। पहले आओ पहले पाओ की पॉलिसी को भी बदलकर पहले पेमेंट कराए और पहले पाओ कर दिया गया था। यह पूरी तरह भ्रष्ट पॉलिसी थी। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा। बाद में हमने स्पेक्ट्रम को नीलाम किया। नतीजा यह हुआ कि जिस स्पेक्ट्रम पर पहले 1734 करोड़ मिल रहे थे 2015 में 1.10 लाख करोड़ रुपए मिले।
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मेरी बात सच साबित हुईःसिब्बल
———————. कपिल सिब्बल ने कहा कि मेरी जीरो लॉस वाली बात सही साबित हुई। हम बेबुनियाद बातें नहीं करते। तब विपक्ष ने देश को गलत जानकारी दी। काफी हंगामा किया। विपक्ष और विनोद राय आरोप लगाने वाले पूर्व सीएजी को देश से माफी मांगनी चाहिए। कोई करप्शन नहीं और कोई लॉस नहीं। अगर स्कैम है तो झूठ का स्कैम है।
————————————————————————- आरोप झूठे थे साबित हो गयाःचिदंबरम
- ————————पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि हमारी सरकार पर जो घोटाले के आरोप लगाए गए थे वो झूठे थे।
————————————————————————– सच्चाई की जीत हुईः थरूर
——————-कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि साफ तौर पर कोर्ट ने पाया कि बेकसूरों लोगों को गलत बताया जा रहा था। जस्टिस ने अपना काम किया जैसा हमारे देश में उम्मीद की जाती है।
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आरोप साबित करने में नाकाम रही सीबीआईःअग्रवाल
- ——————————स्वान टेलीकॉम के वकील विजय अग्रवाल ने कहा प्रॉसिक्यूशन आरोप साबित करने में नाकाम रहा। सीबीआई ने तथ्यों को तोड़.मरोड़कर पेश किया था। लॉस दिखाया गया था लेकिन असल में कोई नुकसान हुआ ही नहीं। लिहाजा सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
————————————————————————-क्रिमिनल कोर्ट से अप्रोच लायक केस नहीं
————————–. राजा के वकील मनु शर्मा ने कहा किसी भी बड़े मुकदमे में वक्त लगता है लेकिन सच्चाई सामने आ गई।.मुकदमा चला तो कोई एविडेंस नहीं दिया गया। क्रिमिनल कोर्ट की अप्रोच के हिसाब से ये मुकदमा नहीं बनता।
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साजिश थी जो अब खत्म हो गईःदुरई मुरुगन
————————–डीएमके नेता दुरई मुरुगन ने कहा कि ये केस हम पर राजनीतिक हितों की वजह से लगाया गया था। हमारे खिलाफ साजिश की गई थी जो अब खत्म हो गया है।