कानून रिव्यू/नई दिल्ली
देश में विशेष अदालतों के निर्माण पर 700 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह रकम निर्भया कोष से मुहैया कराई जाएगी। इस बजट में 474 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और बाकी 226 करोड़ राज्य सरकारें देंगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन कोर्ट में महिला के यौन उत्पीड़न और बाल अपराधों से जुड़े पॉक्सो एक्ट के मामलों की सुनवाई होगी। फिलहाल देश में 664 फास्ट ट्रैक कोर्ट काम कर रही हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक हर फास्ट ट्रैक कोर्ट को चलाने में हर साल करीब 75 लाख रुपए का खर्च आएगा। इन्हें स्थापित करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय के पास होगी, जबकि कानून मंत्रालय हर तीन महीने में सुनवाई की प्रगति रिपोर्ट तैयार करेगा। 18 राज्यों में पॉक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाने हैं। इनमें महाराष्ट्र, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, मेघालय, झारखंड, आंध्रप्रदेश, बिहार, मणिपुर, गोवा, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, तमिलनाडु, असम और हरियाणा शामिल हैं। हाल में केंद्रीय कैबिनेट ने पॉक्सो एक्ट 2012 में संशोधन को मंजूरी दी थी। जिसमें बाल अपराधों के दोषियों को मौत की सजा और अन्य कठोर दंड का प्रावधान किया गया है।