37 दिन में मासूम को मिला न्याय
कानून रिव्यू/ग्वालियर
————————अक्सर भारतीय न्याय प्रणाली सुस्त और धीमी चाल से चलती है यही कारण है कि पीडित को न्याय जब मिलता है जब उसके आंसू सूख जाते हैं। न्याय प्रणाली की चुस्त चाल के लिए अभियोजन पक्ष यानी पुलिस का तत्पर व चुस्त होना जरूरी है यदि अभियोजन पक्ष पूरी गति और तेज तर्रार तरीके से अपने का काम को अंजाम देगा तो न्यायालय भी फैसला देने में बिल्कुल भी देर नही लगाएगा। ग्वालियर में न्यायालय ने यह साबित भी कर दिखाया है यदि पुलिस, अभियोजन पक्ष, गवाह, सूबुत सब कुछ समय से हो जाए तो चंद समय में ही फैसला दिया जा सकता है। यहां न्यायालय ने सिर्फ 22 दिन में ही मुजरिम को फैंसला और फैंसला भी फांसी जैसा सुना दिया है।
गौरतलब है कि 37 दिन पहले 20.21 जून की दरमियानी रात ग्वालियर में आयोजित शादी समारोह से 6 साल की मासूम बच्ची की किडनैपिंग, रेप और मर्डर करने वाले दरिंदे जितेंद्र कुशवाह 24 को जज ने दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है। फैसला केस की ट्रायल शुरू होने के बाद 22 कार्य दिवस में दिया गया। जज ने आदेश देते हुए कहा. मृत्युदंड मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा सजा की पुष्टि के बाद ही दिया जाए। 2012 में नई दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद बने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम.2012 पॉक्सो के बाद ग्वालियर का यह पहला मामला है। आरोपी को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने हर दिन 18-18 घंटे काम किया,मकसद सिर्फ एक. आरोपी को फांसी तक पहुंचाना था। आोरपी जीतू को फांसी की सजा दिलाने में पुलिस की जांच, सीसीटीवी फुटेज, डीएनए और भौतिकी रिपोर्ट के अलावा 33 गवाहों ने अहम भूमिका निभाई। शहर को हिला देने वाले इस मामले में पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। जांच के दौरान 30 ऐसे सबूत जुटाए, जिन्हें अभियोजन ने सजा दिलाने के लिए मजबूत आधार बनाया। इन सबूतों के आधार पर डीएनए और भौतिकी रिपोर्ट आईए जिनसे पुष्टि हुई कि मासूम के साथ दरिंदगी जितेंद्र ने की। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद चालान बनाने से लेकर सजा दिलाने तक पुलिस की एक टीम ने रोज 18-18 घंटे काम किया।
हत्यारे को ऐसे फांसी तक पहुंचाया
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नवनीत भसीन एसपी ने हर गवाह से खुद बात की और 10 दिन में डीएनए व भौतिकी रिपोर्ट मंगाई। इसके अलावा 14-14 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई। फुटेज से आरोपी की पहचान कराकर 24 घंटे में गिरफ्तार किया। सभी साक्ष्य खुद देखे। 12 दिन में टीम ने 18-18 घंटे काम कर चालान पेश किया। कई बार एसपी ने रात को थाने पहुंचकर विवेचना देखी। रोज मॉनीटरिंग की, हर गवाह से खुद बात की। सिर्फ 10 दिन में डीएनए व भौतिकी रिपोर्ट सागर लैब से मंगवाई। बीएल यादव विवेचना अधिकारी जिन्हें चालान पेश करना था, इसलिए भतीजे की शादी तक में नहीं गए। यहीं नहीं विवेचना अधिकारी घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचे। फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे थे। आरोपी को गिरफ्तार किया। केस डायरी तैयार करने से लेकर चालान पेश करने की जिम्मेदारी इन्हीं पर थी। जितने गवाह बने, उनसे संपर्क में रहना। पेशी पर बुलवाने के अलावा आरोपी को कोर्ट से सुरक्षित जेल पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाई। डा0 अखिलेश भार्गव फोरेंसिक एक्सपर्ट ने 13 साइंटिफिक सबूत जुटा, जो सजा का मुख्य आधार बने थे। घटनास्थल व आरोपी के घर से सभी वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित किए। बच्ची के हाथ में मिले आरोपी के बाल, मौका.ए.वारदात पर घसीटने के निशान, झाड़ी में लगे कांटे में आरोपी के कपड़े के रेशे सहित 13 ऐसे साक्ष्य संकलित किए जो डीएनए और भौतिकी रिपोर्ट के मजबूत आधार बने। केस डायरी में हर एक साक्ष्य का वैज्ञानिक आधार पर विवरण तैयार कराया। बलवीर सिंह कौरव हवलदार की भूमिका भी काबिले तारीफ रही जिन्होंने आरोपी को पहचाना और घर.घर जाकर लोगों को उसका फोटो दिखाया। सीसीटीवी फुटेज में बच्ची के साथ आरोपी को देखा तो पहचान लिया। आरोपी ठेले पर बर्फ बेचता था। इसलिए इनके जेहन में वह पहले से था। उसे तलाशने के लिए दिन.रात क्षेत्र में घूमे। घर.घर जाकर लोगों को आरोपी का फोटो दिखाया। इससे उसकी पहचान पुख्ता की और उसका पता हासिल किया। इस तरह आरोपी की गिरफ्तारी हुई।
वैज्ञानिक तरीके से की गई जांच
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1 . बच्ची का वैजाइनल स्लाइड और आरोपी की अंडरवियर पर मिला ब्लड
2 . बच्ची की हथेली में मिला बाल व आरोपी के सिर का बाल मैच किया।
3 . बच्ची की फ्रॉक पर मिले सीमन के दाग व आरोपी का डीएनए सेंपल मैच किया।
4 . बच्ची का ब्लड व घटनास्थल पर मिले पत्थर पर लगे मिले ब्लड से मैच किया।
5 . बच्ची के चेहरे पर लगे नाखून के निशान व आरोपी के नाखून से मैच किए।
भौतिकी रिपोर्ट . 4 अहम बातें
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- 1 . घटनास्थल से मिले मोती बच्ची की फ्रॉक से मिल गए।
- 2 . घटनास्थल पर कांटों में मिले कपड़े के रेशे आरोपी की शर्ट से मिले।
- 3 . आरोपी के जूते की मिट्टीए घटनास्थल की मिट्टी से मिली।
- 4 . घटनास्थल से मिला बटन आरोपी की शर्ट के बटन से मिला।