सिविल जज सीनियर डिविजन गौतमबुद्धनगर श्रीमती नीलू मैनवाल ने फैसला सुनाया
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
न्यायलय सिविल जज सीनियर डिविजन गौतमबुद्धनगर ने करीब 5 साल पुराने मामले में बुजुर्ग को उसकी संपत्ति का हक वापस दिलाए जाने का फैसला सुनाया है। सिविल जज सीनियर डिविजन गौतमबुद्धनगर श्रीमती नीलू मैनवाल ने प्रेम कुमार त्रेहान जो कि नोएडा के सेक्टर 55 में अपनी पत्नी स्नेहलता के साथ निवास करते थे, के मामले में फैसला सुनाया है कि प्रेम कुमार त्रेहान को उनकी संपत्ति जो कि उनके बेटे और बहू ने हडप ली थी और बुजुर्ग को घर से निकाल दिया था, वापस कब्जा दिलाए जाने के आदेश दिए हैं। प्रेम कुमार त्रेहान पक्ष के अधिवक्ता देवेंद्र राहुल चौधरी और आदित्य भाटी ने बताया कि प्रेम कुमार त्रेहान का धीरे धीरे बढ़ती उम्र के कारण एवं् उनकी पत्नी का स्वास्थ्य 2016 में खराब होने लगा था। एक दिन ज्यादा स्वास्थ्य खराब होने पर इसकी सूचना अपनी गली के पीछे ही निवास कर रहे अपने पुत्र रजनीश त्रेहान को दी। इसके बाद उनका पुत्र रजनीश एवं उनकी पत्नी सीमा घर आ गई और उनका उपचार करने के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। इतना ही नही बहू और बेटे ने बुजुर्ग मां बाप से साफ कह दिया कि पहले अपनी ये प्रॉपर्टी उनके नाम लिखवाएं। इस पर जब बुजुर्ग मां बाप ने विरोध किया तो बेटे और बहू गाली गलौज और मारपीट को उतारू हो गए और धक्कामुक्की तक की। इससे बुजुर्ग बाप प्रेम कुमार त्रेहान गिर गए और उनको सदमा लग गया। इसकी सूचना प्रेम कुमार त्रेहान की पत्नी ने अपने दूसरे बेटे राजीव त्रेहान को दी, जो कि जयपुर में निवास करते हैं। खबर पाकर दूसरे बेटे राजीव त्रेहान आए और अपने पिता का उपचार कराने के लिए अपनी मां सहित जयपुर ले गए। इसके कुछ दिनो बाद है उनकी पत्नी का देहांत हो गया। इधर इस बात फायदा उठाकर उनके बेटे रजनीश त्रेहान एवं बहू सीमा ने उनके घर पर कब्जा कर लिया। जब प्रेम कुमार त्रेहान वापस नोएडा घर लौटे तो उन्हें घर में घुसने नही दिया। बेटे और बहू की प्रताडना से तंग हुए बुजुर्ग प्रेम कुमार त्रेहान ने पुलिस से मद्द मांगी मगर वहां से भी उन्हें इंसाफ नही मिल पाया गया। आखिर में उन्होंने एक सिविल वाद 2017 में माननीय न्यायलय सिविल जज सीनियर डिविजन में दायर किया। इस पर लगभग 5 वर्ष बाद बुजुर्ग प्रेम कुमार त्रेहान को इंसाफ मिला है। अधिवक्ता आदित्य भाटी बताया कि माननीय न्यायालय ने जब प्रेम कुमार त्रेहान के पक्ष में अपना फैसला सुनाया तो उनकी आंखे खुशी से छलक उठीं और मुंह से निकल गया थैंक्स फोर जस्टिस। न्यायालय के फैसले से प्रेम कुमार त्रेहान को उनकी संपत्ति वापस मिल गई है।