ये सभी महिलाएं गंभीर तनाव में हैं और इनको तत्काल मेडिकल और सामाजिक.मानसिक मद्द की जरूरत है। यह याचिका युनाइटेड नर्सेस एसोसिएशन ने दायर की है।
कानून रिव्यू/ दिल्ली
देश के बाहर फंसी 56 गर्भवती नर्सों को भारत तत्काल लाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। कहा गया है कि ये सभी महिलाएं गंभीर तनाव में हैं और इनको तत्काल मेडिकल और सामाजिक.मानसिक मद्द की जरूरत है। यह याचिका युनाइटेड नर्सेस एसोसिएशन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि 7 मई 2020 को भारत ने वंदे भारत मिशन की शुरुआत की ताकि विदेशों में फंसे भारतीयों को कोरोना महामारी को देखते हुए देश वापस लाया जा सके। विमानन मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की घोषणाओं के अनुसार यह मिशन 7 से 13 मई के बीच 64 फ्लाइट्स से विभिन्न 12 देशों से करीब 14,800 लोगों भारत लेकर आने वाला था। इन देशों में यूएई, सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत, फिलिपींज, सिंगापुर, यूके, बांग्लादेश, यूएस और ओमान आदि शामिल हैं। अपने आदेश में 5 मई 2020 को गृह मंत्रालाय ने कहा कि देश वापस लाने में निम्नलिखित लोगों को वरीयता दी जाएगी जो काफी ज्यादा मुश्किल में हैं। ऐसे प्रवासी कामगार और मजदूर जिनकी नौकरी चली गई है। लघु अवधि की वीजा पर गए ऐसे लोग जिनकी वीजा की अवधि समाप्त हो गई है। . गर्भवती महिलाओं सहित ऐसे लोग जिनको तत्काल चिकित्सा की जरूरत है। बुजुर्ग और .ऐसे छात्र जिनके परिवार में किसी की मौत हो गई है । कहा गया है कि वंदे भारत मिशन के पहले चरण के पूरा हो जाने के बाद भी बड़ी संख्या में तत्काल चिकित्सा की जरूरत वाले और गर्भवती महिलाएं भारत लाए जाने की प्रतीक्षा में हैं। 16 और 22 मई के बीच वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण के तहत 31 देशों से 149 उड़ानों द्वारा शेष बचे हुए और लोगों को वापस लाने की योजना है। याचिका वकील सुभाष चंद्रन केआर ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ऐसा करने के लिए बाध्य हुआ है क्योंकि सऊदी अरब में 55 और कुवैत में 1 गर्भवती महिला भारत लाए जाने की प्रतीक्षा कर रही है और इनको तत्काल चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। याचिका में कहा गया है कि ये सभी गर्भवती महिलाएं अपने गर्भ की तीसरी अवस्था में हैं और ये सब लोग इन दोनों देशों में अकेले रह रही हैं क्योंकि इन्हें पारिवारिक वीजा नहीं मिलता। यह भी कहा गया है कि देश वापस लाई जाने वाली ये सभी महिलाएं सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास में पंजीकृत हैं ताकि उन्हें वरीयता के आधार पर देश वापस लाया जा सके। भारतीय दूतावास और सऊदी अरब ने वंदे भारत मिशन के दूसरे चरण की घोषणा की है और कहा है कि 19 से 23 मई के बीच छह फ्लाइट्स से लोगों को वापस लाया जाएगा और इसे ही देखते हुए याचिकाकर्ता ने एसओपी का कड़ाई से पालन किए जाने की मांग की है।