बहुत लंबे इंतजार के बाद तमाम अवरोधों को पार करके आखिरकार “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” संसद से पारित हो ही गया। राष्ट्रपति महोदया के हस्ताक्षर के बाद 28 सितम्बर 2003 को सरकार ने इस अधिनियम की गजट अधिसूचना भी जारी कर दी। नई जनगणना और वर्ष 2026 के परिसीमन के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित … [Read more...] about नारी शक्ति वंदन : एक क्रांतिकारी कदम….
Editorial
एक राष्ट्र-एक चुनाव
एक राष्ट्र एक चुनाव का मुद्दा भारत के लिए कोई नया मुद्दा नहीं है। इस मामले पर पहले भी कई बार चर्चा हो चुकी है। वास्तव में वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में लगभग पूरे साल ही किसी न किसी राज्य की विधानसभा का चुनाव होता रहता है। जब भी किसी राज्य विधानसभा का चुनाव होता है, तो लगभग 6 महीने तक … [Read more...] about एक राष्ट्र-एक चुनाव
तटस्थ बेंच की मांग
स्वत्रंत्र भारत के 75 वर्षों के दौरान भारतीय न्यायपालिका की जो सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जानी चाहिए, वह ये कि अब तक कभी भी भारतीय न्यायपालिका के किसी न्यायाधीश पर अपनी जाति, धर्म या आरक्षण की श्रेणी के अनुसार पक्षपात करने का आरोप नहीं लगा। हालांकि जाति व्यवस्था भारतीय समाज की एक वास्तविकता है, … [Read more...] about तटस्थ बेंच की मांग
ट्विटर हो या बीबीसी, सभी को मानने होंगे भारतीय कानून
30 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर के ऊपर 50 लाख रुपए का भारी जुर्माना लगाते हुए केंद्र सरकार के विरुद्ध दायर उसकी रिट याचिका खारिज कर दी। पिछले वर्ष भारत सरकार ने सूचना प्रद्यौगिकी कानून के तहत ट्विटर कंपनी को कुछ संदिग्ध ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने तथा कुछ ट्विट्स हटाने का आदेश दिया … [Read more...] about ट्विटर हो या बीबीसी, सभी को मानने होंगे भारतीय कानून
स्वागत है विदेशी विधि पेशेवरों का…..
भारत द्वारा उदारीकरण की अर्थव्यवस्था को अपनाने के 32 साल बाद 13 मार्च 2023 को आखिरकार विदेशी एडवोकेट्स और विदेशी विधि फर्म्स के भारत में प्रवेश के द्वार खुल ही गए। हालांकि अभी बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विदेशी विधि पेशेवरों को भारत में बहुत सीमित कार्यों के लिए ही अनुमति प्रदान की है, लेकिन … [Read more...] about स्वागत है विदेशी विधि पेशेवरों का…..
विवाद नहीं, संवाद चाहिए
जयपुर में 11 एवं 12 जनवरी को संपन्न हुए 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन में तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन चर्चा के केंद्र में न्यायपालिका और विधायिका की शक्तियों के संतुलन का मुद्दा ही छाया रहा। इस मुद्दे पर पीठासीन अधिकारियों की चिंता का अनुमान इसी … [Read more...] about विवाद नहीं, संवाद चाहिए