एक फैमिली कोर्ट द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा दिए जा रहे अपरिवर्तनीय तलाक (Irrevocable Talaq) की प्रक्रिया को बीच में ही रोक देने और उसे दूसरा विवाह करने से रोकने वाले दो अलग-अलग आदेशों को केरल हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कोई भी अदालत किसी भी व्यक्ति को उसके … [Read more...] about पर्सनल लॉ के अनुसार हो रहे तलाक की प्रक्रिया और बहुविवाह में दखल नहीं दे सकता न्यायालय : केरल हाईकोर्ट
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बेरोजगारी के आधार पर पत्नी के भरण-पोषण के दायित्व से बच नहीं सकता पति : इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलाक की कार्रवाही लंबित रहने के दौरान पारिवारिक न्यायालय द्वारा पारित पत्नी को प्रतिमाह रू. 3000 भरण-पोषण खर्च और न्यायिक कार्रवाही का खर्च देने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि शारीरिक रूप से सक्षम कोई पुरुष न्यायिक कार्रवाही लंबित होने के दौरान पत्नी … [Read more...] about बेरोजगारी के आधार पर पत्नी के भरण-पोषण के दायित्व से बच नहीं सकता पति : इलाहाबाद हाईकोर्ट
प्यूबर्टी उम्र के बाद नाबालिक मुस्लिम लड़की अपनी मर्जी से शादी कर सकती है : दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक रिट याचिका पर निर्णय देते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार प्यूबर्टी उम्र के बाद 18 वर्ष से कम आयु की नाबालिक मुस्लिम लड़की भी अपनी मर्जी से शादी कर सकती है। उसके लिए लड़की के माता-पिता की सहमति अनिवार्य नहीं है। न्यायालय ने 15 वर्ष 5 महीने की उम्र में अपने माता की मर्जी … [Read more...] about प्यूबर्टी उम्र के बाद नाबालिक मुस्लिम लड़की अपनी मर्जी से शादी कर सकती है : दिल्ली हाईकोर्ट
दहेज हत्या के मामलों में “लोहे के हाथों” जैसी कठोरता से निपटना उचित : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज हत्या के एक मामले में मृतका की सास-ससुर द्वारा वृद्धावस्था और अधिक उम्र के आधार पर सजा कम करने की अपील को खारिज कर दिया है। इस मामले में शादी के एक वर्ष के भीतर ही नवविवाहिता की हत्या कर दी गई थी। अभियुक्तो ने दहेज हत्या के इस अपराध पर पर्दा डालने के लिए नवविवाहिता की मौत … [Read more...] about दहेज हत्या के मामलों में “लोहे के हाथों” जैसी कठोरता से निपटना उचित : सुप्रीम कोर्ट
अपराधी को नोटिस दिए बिना उसकी सजा नहीं बढ़ा सकता है हाईकोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 12 अगस्त 2022 को एक ऐसी क्रिमिनल अपील विचारण के लिए आई, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वयं ही अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए (By using of SUO MOTO Powers) अभियुक्त की सजा में वृद्धि कर दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले को अपीलकर्ता ने क्रिमिनल अपील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में … [Read more...] about अपराधी को नोटिस दिए बिना उसकी सजा नहीं बढ़ा सकता है हाईकोर्ट
सरकारी पदों पर हर साल भर्ती के लिए बाध्य नहीं है सरकार : इलाहाबाद कोर्ट
इलाहाबाद कोर्ट ने अपने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि कोई भी उम्मीदवार अपने अधिकार के रूप में यह दावा नहीं कर सकता कि किसी सरकारी पद पर प्रत्येक वर्ष भर्ती होनी ही चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी वर्ष सरकार द्वारा किसी सरकारी पद पर भर्ती शुरू नहीं की जाती और इस कारण से उस पद पर भर्ती की … [Read more...] about सरकारी पदों पर हर साल भर्ती के लिए बाध्य नहीं है सरकार : इलाहाबाद कोर्ट